Hindi Newsबिहार न्यूज़Bihar Weather lack of rain bad effect on paddy crops not even half palantation done in state

Bihar Weather: बिहार में बारिश की कमी से धान की खेती पर बुरा असर; अब तक आधी रोपनी भी नहीं हुई

बिहार में मौसम की बेरूखी के चलते किसानों की चिंता बढ़ गई है। बारिश की कमी होने से राज्य में अब तक धान की आधी रोपनी भी नहीं हो पाई है। कुछ जिले ऐसे हैं जहां महज 5 फीसदी धान की रोपनी की गई है।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान, पटनाTue, 19 July 2022 02:31 PM
share Share
Follow Us on

बिहार में पिछले दिनों मॉनसून के कमजोर पड़ने से खेती-किसानी पर बुरा असर पड़ा है। राज्य के 35 जिलों में सामान्य से बहुत कम बारिश होने से सूखे के हालात पैदा हो गए हैं। आलम यह है कि जुलाई महीना आधे से ज्यादा बीत चुका है और राज्य में अब तक धान की महज 23 फीसदी रोपनी हो पाई। 14 जिले ऐसे हैं जहां 5 फीसदी से भी कम रोपनी हुई है। मुंगेर में तो धान की बुवाई शुरू भी नहीं हुई है। जिन जगहों पर किसानों ने धान की बुवाई कर भी ली, तो उनके बिचड़े सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं। पानी की कमी से खेतों में दरारें पड़ गई हैं। कुछ किसान पैसा देकर निजी नलकूपों से बिचड़े को बचाने में लगे हैं, लेकिन खर्च ज्यादा आने पर अब किसानों ने जवाब दे दिया है।

कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक बिहार के चार ऐसे हैं जहां 5 से 8 फीसदी रोपनी हुई है। सबसे कम रोपनी वाले ये जिले दक्षिण बिहार के हैं। वहीं, 7 जिले ऐसे हैं जहां 15 से 20 फीसदी और 7 जिलों में 21 से 46 प्रतिशत ही रोपनी हुई है। बाकी 7 जिलों में भी 50 फीसदी से अधिक रोपनी हुई है। इनमें सिर्फ दो जिलों - पूर्णिया और पश्चिम चम्पारण में सर्वाधिक 81 फीसदी रोपनी हुई है। 

उत्तर बिहार में भी हालात खराब

मानसून की बेरुखी से उत्तर बिहार में भी धान रोपनी की रफ्तार काफी सुस्त है। कई जिलों में 50 फीसदी भी धान की रोपनी नहीं हो पाई। मधुबनी में मात्र 27 प्रतिशत धान रोपनी हुई। समस्तीपुर में 73 हजार हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य है, लेकिन अब तक रोपनी 16 फीसदी हुई है। सीतामढ़ी में 21, शिवहर में 54 फीसदी तो दरभंगा में अब तक 30 फीसदी ही रोपनी हुई है।

बारिश की कमी से धान की खेती पर असर

इस तरह देखें तो 31 जिलों में लक्ष्य के आधे से भी कम धान की रोपनी हुई है। कृषि विभाग के अनुसार इस वर्ष धान की रोपनी का लक्ष्य 35,12,023 हेक्टेयर में है। इसके विरुद्ध मात्र 7,97,086 हेक्टेयर में रोपनी का ही लक्ष्य पाया जा सका है। बारिश की कमी से राज्य में खेती किसानी का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। हर दिन औसत कमी में एक से दो फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है। किसानों को फिलहाल बादलों के बरसने का इंतजार है।

30 जून तक सूबे में सामान्य से छह प्रतिशत अधिक बारिश हुई थी जो 18 जुलाई तक सामान्य से 47 प्रतिशत कम के आंकड़े तक पहुंच गया है। राज्य के 17 जिले बारिश की भारी कमी से जूझ रहे हैं। वहीं 18 अन्य जिलों में भी सामान्य से कम बरसात हुई है। मात्र अररिया और किशनगंज दो जिले ऐसे हैं जहां बारिश का आंकड़ा सामान्य से ऊपर है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें