नीतीश कैबिनेट: अल्पसंख्यक उद्यमी योजना में 5 लाख अनुदान, 5 लाख लोन देगी सरकार, IGIMS में इलाज-दवा फ्री
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को राज्य कैबिनेट की अहम बैठक हुई। कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक उद्यमी योजना की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने और इनके बीच स्वरोजगार को बढ़ाने के लिए नीतीश सरकार ने सोमवार को बड़ा फैसला किया है। इसको लेकर मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक उद्यमी योजना की स्वीकृति राज्य कैबिनेट ने दी है। इस योजना में 100 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं। अल्पसंख्यक वर्ग के व्यक्ति इस योजना के पात्र होंगे। अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाएं अपनी इच्छानुसार मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक उद्यमी योजना अथवा मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना में से एक योजना में आवेदन करने के लिए पत्र होंगी। वहीं आईजीआईएमएस पटना में अब मरीजों को दवा, जांच और इलाज की सुविधाएं नि:शुल्क मिलेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में दस प्रस्तावों पर मंजूरी दी गई।
कैबिनेट की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इस योजना के तहत उद्योग स्थापित करने वाले लाभुकों को प्रति इकाई अधिकतम दस लाख की मदद की जाएगी। इसमें परियोजना लागत का 50 प्रतिशत अनुदान के रूप में मिलेगा, जो अधिकतम पांच लाख तक होगा। वहीं, लागत का 50 प्रतिशत, अधिकतम पांच लाख का लोन मिलेगा। इस योजना के लिए प्रति वर्ष अल्पसंख्यक वर्ग के लाभार्थियों के लक्ष्य का निर्धारण अल्पसंख्यक कल्याण विभाग करेगा। साथ ही योजना की समेकित राशि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी। मालूम हो कि पूर्व में मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति, अनसूचिच जनजाति, अतिपिछड़ा वर्ग, युवा उद्यमी, महिला उद्यमी योजना लागू की गई है।
आईजीआईएमएस में दवा, जांच, इलाज नि:शुल्क
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस), पटना में अब मरीजों को दवा, जांच और इलाज की सुविधाएं नि:शुल्क मिलेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इसका निर्णय हुआ। कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस निर्णय की अधूसचना जारी होने के साथ ही आईजीआईएमएस में नि:शुल्क चिकित्सकीय सुविधाएं मिलने लगेंगी। इस निर्णय के आलोक में सभी प्रकार की दवाइयां, जांच और ऑपरेशन भी नि:शुल्क होंगे। केवल पंजीयन शुल्क लगेगा, जो 60 रुपये निर्धारित है। साथ-ही-साथ प्राईवेट वार्ड और डिलक्स वार्ड में बेड के जो शुल्क हैं, वो लगेंगे। इस वार्ड में भी भर्ती मरीजों के लिए भी दवा और जांच आदि नि:शुल्क होगी। उन्होंने कहा कि एक आकलन के अनुसार सरकार के इस फैसले से सालाना 60 करोड़ अतिरिक्त खर्च होगा। पर, इसके बाद भी अगर खर्च होंगे तो वह राज्य सरकार देगी। जीआईएमएस अपनी शुल्क चार्ज करेगा, जिसे राज्य सरकार भरेगी। मरीजों को नहीं देना पड़ेगा।