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बिहारः महिलाओं और बच्चों पर नीतीश सरकार मेहरबान, दिखाई यह दरियादिली

वर्ष 2023-24 के कुल बजट 2.61 लाख करोड़ में से 37949 करोड़ महिलाओं से जुड़ी योजनाओं पर जबकि बच्चों पर 46066 करोड़ खर्च होगा। महिलाओं पर खर्च की जाने वाली राशि पिछले साल की तुलना में 23 सौ कड़ोर अधिक है

Sudhir Kumar हिंदुस्तान, पटनाThu, 6 April 2023 07:12 AM
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बिहार की नीतीश सरकार महिलाओं और बच्चों के लिए खास तौर से मेहरबान है। इनके लिए बजट में विशेष व्यवस्था की गई है। दोनों मदों में करीब 83 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है जो पिछले बजट से 23 सौ करोड़ ज्यादा है। महिलाओं पर राज्य के कुल बजट का 14.50 फीसदी व्यय होगा। 

बिहार सरकार इस वर्ष महिलाओं और बच्चों के कल्याण और विकास पर अधिक धनराशि खर्च करेगी। वर्ष 2023-24 के कुल बजट 2.61 लाख करोड़ में से 37949 करोड़ महिलाओं से जुड़ी योजनाओं पर जबकि बच्चों पर 46066 करोड़ खर्च होगा। महिलाओं पर खर्च की जाने वाली राशि पिछले साल की तुलना में 1200 करोड़ और बच्चों पर गत वर्ष से 11 सौ करोड़ अधिक है। यह जानकारी वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने दी। वित्त मंत्री ने विधान सभा जबकि विधान परिषद में जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बजट पेश किया।

जेंडर बजट क्या है? 

मंत्री ने नीतीश कुमार ने कहा कि जेंडर बजट महिलाओं को विकास की मुख्य धारा में लाने का एक सशक्त माध्यम है। इसमें सरकार संसाधनों का आवंटन इस प्रकार करती है जिससे महिलाओं को भी विकास का लाभ पुरुषों के समान मिल सके। दरअसल, जेंडर बजट कोई अलग बजटीय प्रावधान नहीं है। मुख्य बजट में ही महिलाओं से संबंधित कार्यक्रमों-योजनाओं के लिए जो राशि आवंटित की जाती है, उसे जेंडर बजट कहा जाता है। बिहार में इसकी शुरुआत वर्ष 2008-09 से हुई। आज 20 विभागों को शामिल किया जा चुका है।

भूमिहीनों को बसाने को नए सिरे से सर्वे मंत्री

नए वासहीन भूमिहीनों को बसाने के लिए पूरे बिहार में नए सिरे से सर्वे का काम चल रहा है। यह जानकारी राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा (खग्रामस) के प्रतिनिधियों को मुलाकात के दौरान दी।

भाजपा विधायक जीवेश मिश्रा ने कहा कि बिहार राज्य गीत अधूरा है। इसमें मिथिला को उचित सम्मान नहीं दिया गया है। दरअसल, उनपर बिहार गीत के समय सदन में बैठे रहने का आरोप था।

विधानसभा में पहली बार बजा बिहार राज्य गीत

विधानसभा में पहली बार बिहार राज्य गीत का गान किया गया। सदन की कार्यवाही के अंतिम दिन सत्रावसान के ठीक पहले विधायकों ने बिहार गीत का गायन किया। इसके पहले तक राष्ट्रगीत वंदे मातरम से सदन का समापन होता था। इस बार कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि विधानसभा के बजट सत्र की शुरूआत राष्ट्रगान ‘जन-गण...’ से किया जाए और अंतिम दिन समापन बिहार गीत ‘मेरे भारत के कंठहार...’ से हो।
 

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