असर: बिहार में बैंक हड़ताल से 10 हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित, एटीएम में दिखी नो कैश की तख्तियां
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों व अन्य सरकारी उद्यमों के निजीकरण के खिलाफ 28-29 मार्च की औद्योगिक हड़ताल के पहले दिन बिहार में करीब 10 हजार करोड़ का आर्थिक कारोबार प्रभावित हुआ।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों व अन्य सरकारी उद्यमों के निजीकरण के खिलाफ 28-29 मार्च की औद्योगिक हड़ताल के पहले दिन बिहार में करीब 10 हजार करोड़ का आर्थिक कारोबार प्रभावित हुआ। बेतिया में 100 करोड़ के कारोबार पर असर पड़ा। राज्य में संचालित व्यावसायिक बैंक और ग्रामीण बैंक की पांच हजार शाखाओं के कामकाज पर इसका असर पड़ा।
बैंक हड़ताल में बैंककर्मियों के तीन प्रमुख संगठन- ऑल इंडिय बैंक इंपलॉइज एसोसिएशन, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन और बैंक इंपलॉइज फेडरेशन शामिल हुए। स्टेट बैंक का प्रमुख संगठन ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन ने हड़ताल को नैतिक समर्थन तो दिया, लेकिन वह इस हड़ताल में शामिल नहीं हुआ। इसके कारण राज्य में स्टेट बैंक की 983 शाखाओं को छोड़कर व्यावसायिक बैंक और ग्रामीण बैंक की कुल 5061 शाखाओं के लेन-देन पर असर पड़ा।
अनुमानत: एक दिन में 10 हजार करोड़ रुपये का बैंक व्यापार बाधित हुआ। ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव डीएन त्रिवेदी ने बताया कि बैंकों के प्रशासनिक कार्यालयों के समक्ष धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम चलाया गया जिसमें अधिकांशत: बैक के युवा स्टाफ ने भाग लिया।
एटीएम में नो कैश की तख्तियां
राज्य में कुल 5072 एटीएम हैं, जिसमें से स्टेट बैंक के सर्वाधिक 2408 एटीएम हैं। स्टेट बैंक के एटीएम को छोड़कर व्यावसायिक बैंक के 2664 एटीएम में दोपहर के बाद कैश फीड नहीं होने के कारण शाम तक प्राय: सभी एटीएम में नो कैश की तख्तियां लटक गई। बैंक के अलावा पोस्ट ऑफिस में भी दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन आम जनता को नकद लेन देन में काफी परेशानी हुई।