Bihar news: नदी उड़ाही में 67 लाख रुपये का गबन, 4 इंजीनियरों पर होगी FIR; ऐसे हुआ खुलासा
कागज पर नदी की अधिक चौड़ाई और गहराई में उड़ाही दिखाकर सरकारी राशि के गबन का मामला सामने आया है। जांच में दो कार्यपालक अभियंता, एक कनीय एवं एक सहायक अभियंता को दोषी पाया गया है।
कागज पर नदी की अधिक चौड़ाई और गहराई में उड़ाही दिखाकर सरकारी राशि के गबन का मामला सामने आया है। निगरानी विभाग की तकनीकी कोषांग की टीम ने जब जांच की तो 67 लाख 24 हजार रुपये से अधिक की सरकारी राशि के गबन का पता चला। जांच में दो कार्यपालक अभियंता, एक कनीय एवं एक सहायक अभियंता को दोषी पाया गया है। मामला मधुबनी जिला में सुगर्वे नदी की उड़ाही से जुड़ा है।
इससे संबंधित जांच रिपोर्ट निगरानी विभाग ने सुपुर्द कर दी है, जिसमें दो कार्यपालक अभियंता, एक कनीय और एक सहायक अभियंता समेत ठेकेदार के अलावा अन्य लोग दोषी पाए गए हैं। इस मामले में कार्रवाई करने की अनुमति जल संसाधन विभाग ने भी प्रदान कर दी है। इन सभी आरोपितों पर कार्रवाई के लिए निगरानी ब्यूरो में एफआईआर दर्ज होने जा रही है। फिलहाल निगरानी के तकनीकी कोषांग की जांच रिपोर्ट में कई स्तर पर गड़बड़ी सामने आई है।
इस मामले का खुलासा बीते वर्ष के अंत में हुई जांच में हुआ है। सुगर्वे नदी की उड़ाही की जांच में पाया गया कि कागज पर जितने क्षेत्रफल में मिट्टी उड़ाही का जिक्र किया गया था, हकीकत में उससे कम क्षेत्र में उड़ाही हुई है। पूरे क्षेत्र में चौड़ाई में 2.11 मीटर और गहराई में 1.84 मीटर की औसत कमी से मिट्टी उड़ाही का कार्य करा दिया गया। इसके एवज में ठेकेदार को अभियंताओं की मिलीभगत से 67 लाख 24 हजार रुपये से अधिक की राशि का भुगतान किया गया।
इस तरह से नियम विरुद्ध ठेकेदार को अधिक भुगतान कर सरकारी राशि का गबन किया गया है। सभी सरकारी पदाधिकारियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के नियम-17 के अंतर्गत कार्रवाई की गई है। ठेकेदार पर कार्रवाई करने के लिए जल संसाधन विभाग के मुख्यालय में मौजूद अभियंता प्रमुख को अलग से पत्र भेजा गया है।