चाय की खेती से मालामाल होंगे किसान, बिहार सरकार दे रही 50 फीसदी तक की सब्सिडी, जानें पूरी डिटेल
बिहार की राज्य सरकार किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। इसी कड़ी में चाय विकास योजना के तहत 50 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है।
बिहार की राज्य सरकार किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। इससे उन्हें कम लागत के साथ मुनाफा भी ज्यादा का हो रहा है। इसी कड़ी में चाय की खेती करने पर सूबे की सरकार किसानों को 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दे रही है। कृषि विभाग के मुताबिक चायपत्ती की ढुलाई पर 50 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा। अगर चाय की खेती पर प्रति हेक्टेयर प्रति यूनिट 4 लाख 94 हजार का खर्च आता है तो ऐसे में सब्सिडी के तौर पर किसान को 2 लाख 47 हजार रुपये मिलेंगे। यह राशि सरकार दो किस्तों यानी 75 और 25 के अनुपात में देती है।
पहले चाय की खेती पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग और असम में तक सीमित थी। लेकिन अब बिहार में भी इसकी खेती हो रही है। अब चाय उत्पादन के मामले में बिहार पांचवे नंबर पर है। अररिया, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया जैसे जिलों में किसान बड़े स्तर पर चाय की खेती कर रहे हैं। इसे प्रोत्साहन देने के लिए सरकार चाय विकास योजना चलाती है। जिसके तहत 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है।
इन पर मिलेगी सब्सिडी
-प्रूनिंग मशीन के इच्छुक किसानों को जो 5 एकड़ में चाय की खेती कर रह हे हैं। उन्हें मशीन पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी या 60 हजार रुपये मिलेंगे।
-मेकैनिकल हार्वेस्टर मशीन पर 50 प्रतिशत या अधिकतम 50,000 रुपये दिये जाएंगे।
-प्लकिंग शिय मशीन पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी या अधिकतम 11 हजार रुपये मिलेंगे।
-लीफ कैरेज व्हेकल पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी या अधिकतम 7 लाख 50 हजार रुपये मिलेंगे।
लीफ कलेक्शन शेड पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी या अधिकतम 37 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा।
कहां करें आवेदन
चाय विकास योजना का लाभ केवल बिहार के किसानों को ही मिलेगा। इस स्कीम का लाभ उठाने के लिए बिहार सरकार की उद्यान निदेशालय की साइट पर जाएं।
यहां आवेदन का प्रकार सेलेक्ट कर लें।
अब अपना पंजीकरण संख्या डाल दें।
यहां मांगी गई जानकारी भरने के बाद सबमिट कर दें।