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Bihar Bandh: कहीं पुलिस से भिड़े बंद समर्थक तो कहीं हाइवे किया जाम, विधायक भी हुए गिरफ्तार

रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) एनटीपीसी की परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाकर बुलाए गए बिहार बंद के दौरान शुक्रवार को राज्य में आवागमन बाधित रहा। यह बंद छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन...

Malay Ojha पटना हिन्दुस्तान टीम, Fri, 28 Jan 2022 06:22 PM
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रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) एनटीपीसी की परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाकर बुलाए गए बिहार बंद के दौरान शुक्रवार को राज्य में आवागमन बाधित रहा। यह बंद छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), इंकलाबी नौजवान सभा (इनौस) व अन्य छात्र संगठनों के बुलाया था। इस दौरान छात्रों व राजद समेत महागठबंधन के अन्य दलों के कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन से रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ। पटना के डाकबंगला चौराहा सहित राज्य में कई स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों में नोकझोंक हुई। प्रदर्शनकारियों ने जगह-जगह टायर जला रेलवे भर्ती बोर्ड के माध्यम से नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर नाराजगी जताई। बंद को एनडीए के छात्र व युवा संगठनों को छोड़कर अन्य सभी छात्र-युवा संगठनों का समर्थन मिला। महागठबंधन की पार्टियों ने भी बिहार बंद में सक्रिय भूमिका निभायी। एनएच 27, 31, 57  सहित कई जिलों में सड़क यातायात बाधित किया गया। 

भोजपुर में भी बंद समर्थक सड़क पर उतरे। आरा-पटना एनएच को बस स्टैंड के पास सुबह ही जाम कर दिया। जीरो माइल पर भी जाम लगा रहा। जहानाबाद में काको, मखदुमपुर और अरवल में एनएच पर आगजनी कर प्रदर्शनकारियों ने आवाजाही बाधित किया। बड़ी गाड़ियां नहीं चलने से यात्रियों को काफी परेशानी हुई। वैशाली में तीन घंटे तक एनएच पर परिचालन बंद रहा। महुआ के राजद विधायक डॉ. मुकेश रौशन सुबह साढ़े छह बजे ही समर्थकों के साथ रामाशीष चौक के पास प्रदर्शन शुरू कर दिया। सीवान में बंद को कोई असर नहीं देखा गया। वहीं गोपालगंज में आंशिक असर रहा। छपरा में छात्र संगठनों के नेता सुबह से ही शहर में पहुंच कर दुकानों को बंद करने का प्रयास किया। दुकानदार संगठनों की एकता को देख दुकानदारों ने शटर थोड़ी देर के लिए गिरा दिया। बेगूसराय में सड़क मार्ग बाधित रहा। सासाराम, नवादा, बिहारशरीफ और औरंगाबाद में आंशिक असर देखने को मिला। बिहार बंद का गया में मिलाजुला असर रहा। बंद के दौरान छात्र सड़क पर नहीं नजर आए। विपक्षी पार्टियों के नेता और उनके समर्थकों ने चौक-चौराहों को जाम किया। गया शहर में महागठबंधन के कार्यकर्ता जमा हुए और सरकारी विरोधी नारेबाजी की। डोभी में छात्र राजद ने काफी देर तक सड़क जाम रखा।

बंद समर्थकों ने राजधानी पटना में कई जगह टायर जलाकर विभिन्न सड़कें जाम कर दीं। उसके बाद प्रदर्शन करते हुए डाकबंगला चौराहा पहुंचे। करीब चार घंटे तक डाकबंगला चौराहा प्रदर्शनकारियों के कब्जे में रहा। यहां जाप नेताओं और कार्यकर्ताओं से पुलिस की तीखी नोकझोंक हुई। ऑटो कम चले। बाजार भी दोपहर बाद खुले। बंद के समर्थन में भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, पालीगंज विधायक संदीप सौरभ और भाकपा-माले के पटना नगर सचिव अभ्युदय डाकबंगला पहुंचे। इन नेताओं ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया। पुलिस के साथ विधायक महबूब आलम, संदीप सौरभ व अन्य बंद समर्थकों की धक्कामुक्की हुई। इसके बाद महबूब आलम, संदीप सौरभ व अन्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वहीं, डाकबंगला पहुंचने के पहले आइसा के बिहार राज्य अध्यक्ष विकास यादव, नीरज यादव सहित अन्य छात्र नेताओं व छात्र संगठनों ने पटना विश्वविद्यालय कैंपस से जुलूस निकाला। बंद समर्थकों ने बाढ़ में पांच घंटे तक ट्रेन परिचालन बाधित रखा। बाढ़ रेलवे स्टेशन के पूर्वी सिग्नल के पास आंदोलनकारी डटे रहे। धनरुआ में राजद कार्यकर्ताओं ने आगजनी कर पटना-गया मुख्य सड़क मार्ग जाम कर दिया। खुसरूपुर के मौसिमपुर में राजद कार्यकर्ताओं ने फतुहा-बख्तियारपुर स्टेट हाइवे को करीब ढाई घंटे तक जाम किए रखा। बेऊर मोड़, रामकृषणा नगर न्यू बाईपास, परसा बाजार,  संपतचक में छात्रों के समर्थन में कई दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर बाजार बंद कराया। जगह-जगह सड़क जाम होने से वाहनों की कतारें लग गईं।  

बिहार बंद का शुक्रवार को कोसी, सीमांचल और पूर्वी बिहार में मिलाजुला असर दिखा। सुबह से ही महागठबंधन के साथ-साथ कुछ छात्र भी इसमें शामिल हुए। कुछ जगहों पर छात्रों की भागीदारी देखने को नहीं मिली। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने समझा-बुझाकर जाम को हटाया। सुपौल में 16 मिनट तक ट्रेन को रोका। ग्रामीण इलाकों में भी एनएच और एसएच को जाम कर प्रदर्शन किया। मधेपुरा में शहर के सभी चौक को जाम कर आवागमन ठप कर दिया। छात्र संगठनों ने हाटेबाजार एक्सप्रेस ट्रेन को करीब आधा घंटा मधेपुरा स्टेशन पर रोके रखा। दोपहर बाद स्थिति सामान्य हो गयी। अररिया में किसी कोई खास असर नहीं दिखा। बाजार में दुकानें आम दिनों की तरह खुली रहीं। किशनगंज में महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने बस स्टैंड के पास एनएच 27 को जाम कर दिया। जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गयी। मुंगेर में राजद, सपा, सीपीआई, जाप के कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। जुलूस के दौरान बाजार की दुकानें कुछ देर के लिए बंद रही। भागलपुर में कुछ देर के लिए दुकानें बंद हुईं। वाहनों के परिचालन पर कोई खास असर नहीं दिखा।

मुजफ्फरपुर सहित उत्तर बिहार के सभी जिलों में बंद का मिलाजुला असर दिखा। प्रदर्शनकारियों ने हाईवे को मुख्य निशाना बनाया। मुजफ्फरपुर से मोतिहारी और दरभंगा जाने वाले मार्गों पर जमकर बवाल मचाया। सदातपुर में सुबह आठ बजे से ही प्रदर्शनकारियों ने बवाल मचाना शुरू कर दिया। यहां पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जमकर झड़प भी हुई। प्रदर्शनकारियों ने आगजनी भी की। राजद और वामपंथी दलों के साथ विभिन्न संगठनों ने भी बंदी का समर्थन किया था। समस्तीपुर में छात्र संगठनों ने जगह-जगह सड़क जाम किया। दरभंगा में बंद के समर्थन में आइसा और इनौस के छात्रों ने शुक्रवार को विरोध-प्रदर्शन किया। दोनों संगठनों के छात्रों ने दरभंगा जंक्शन पर सुबह करीब साढ़े आठ बजे दरभंगा से नयी दिल्ली जा रही बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस को करीब 12 मिनट तक रोके रखा। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने बिहार बंद के दौरान पटना में माले विधायक दल के नेता महबूब आलम व पालीगंज विधायक संदीप सौरभ की गिरफ्तारी की निंदा की। कहा कि सरकार दमन चलाने से बाज नहीं आ रही है, लेकिन वह शायद भूल गई है कि दमन अभियान से कोई आंदोलन नहीं रुकता। जनवादी नौजवान सभा के राज्य अध्यक्ष मनोज कुमार चंद्रवंशी, एसएफआई के राज्य कमिटी सदस्य कुमार निशांत ने कहा कि केंद्र सरकार के रोजगार विरोधी नीति से छात्रों व युवाओं में काफी आक्रोश है। बिहार बंद में एआईएसएफ के अमीन हमजा, पुष्पेंद्र शुक्ला, एसएफआई के दीपक सागर, अंशु राज, आइसा के संतोष आर्य, विकास यादव सहित अन्य शामिल थे।

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