विधानसभा में विपक्ष ने सरकार को घेरा, विजय सिन्हा ने पूछा- बजट में प्रावधान ही नहीं, कहां से देंगे 4 लाख नौकरी
विधानसभा में बजट पर विमर्श के दौरान सत्ता पक्ष के साथ विपक्षी सदस्यों की खूब तकरार हुई। सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा बार-बार टोके जाने से विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा नाराज हो गए।
विधानसभा में बजट पर विमर्श के दौरान सत्ता पक्ष के साथ विपक्षी सदस्यों की खूब तकरार हुई। चर्चा के क्रम में सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा बार-बार टोके जाने से विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा खासे नाराज हो गए। उसके बाद भाजपा सदस्य उग्र हो गए और उनकी वामदलों व कांग्रेस विधायकों के साथ नोक-झोंक हुई। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के समझाने के बाद वे शांत हुए। इसके पहले विजय सिन्हा ने 2023-24 के बजट पर सरकार को घेरा और कहा कि इसमें भविष्य की कोई दृष्टि नहीं है। इसमें आंकड़ों की बाजीगरी की गयी है। रोजगार की घोषणा तो की गयी है लेकिन उसके लिए धन का कोई प्रावधान नहीं किया गया है। 4 लाख नौकरी कहां से देंगे?
उन्होंने कहा कि यह केवल युवाओं और बेरोजगारों की आंखों में धूल झोंकने जैसा है। बिहार की अर्थव्यवस्था तीन गुनी हुई है, लेकिन यह कैसे संभव हो सका है, इसे भी बताया जाना चाहिए। इसमें हमारे योगदान को भी तो बताएं। राज्य के अपने स्रोत से आय केवल 25 फीसदी है। शेष राशि कहां से आ रही है, बताएं तो।
विपक्ष के नेता ने कहा कि 2005 के पहले बिहार की क्या स्थिति थी? कैसी अर्थव्यवस्था थी? खजाना लूटा जा रहा था। सत्ता के संरक्षण में सारा कुछ हो रहा था। यही नहीं केन्द्र सरकार बिहार का हक कहां दे रहा था? कांग्रेस की सरकार में 13वें वित्त आयोग ने राज्यों की क्या हिस्सेदारी तय की थी? राज्य को महज 32 फीसदी हिस्सा मिलता था। केन्द्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार आई तो राज्य की हिस्सेदारी 32 से बढ़ाकर 42 फीसदी किया गया है। हमने राज्यों को उसका अधिकार दिया है। नीतीश कुमार ने हमारे साथ मिलकर खजाना लूटने वालों से प्रदेश को बचाया था, आज फिर उन्हीं के साथ खड़े हो गए हैं।
बता दें कि वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने गुरुवार को 10321. 05 करोड़ का तृतीय अनुपूरक बजट पेश किया गया। इसमें वार्षिक स्कीम मद का 9018.1896 करोड़ जबकि केन्द्रीय क्षेत्र की स्कीम मद का 27.20 लाख रुपए शामिल है। विधानसभा में इसे पेश करते हुए वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय-व्ययक से संबंधित तृतीय अनुपूरक व्यय विवरणी के तहत वार्षिक स्कीम के अंतर्गत केन्द्र प्रायोजित योजना के केन्द्रांश मद में 1249.65 करोड़ और राज्यांश मद में 4230.53 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
तीसरे अनुपूरक बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 2180 करोड़ जबकि स्मार्ट सिटी के लिए 510 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसमें केन्द्रीय प्रायोजित योजना के केन्द्रांश के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 990.59 करोड़ जबकि राज्यांश के तहत 1189.27 करोड़ और स्मार्ट सिटी के लिए केन्द्रांश में 200 करोड़ और राज्यांश में 310 करोड़ देने की योजना है। इसी तरह समग्र शिक्षा अभियान के लिए राज्यांश में 1866 करोड़ दिये जाएंगे।
राज्य योजना में 16 योजनाओं को 3538 करोड़ देने की योजना है। इसमें प्रधानमंत्री ग्राम संपर्क योजना के लिए 500 करोड़ जबकि 400 करोड़ वृहद् सड़कों के निर्माण पर खर्च होंगे। इसी तरह 150 करोड़ ग्रामीण टोला संपर्क योजना पर और 100 करोड़ पुलों के निर्माण पर खर्च होंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के अंतर्गत स्नातक उत्तीर्ण बालिकाओं की छात्रवृत्ति के लिए 400 करोड़ और स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए 300 करोड़ का प्रावधान किया गया है।