Hindi Newsबिहार न्यूज़Bihar 500 crore Financial irregularity in cycle scheme Officials are not giving accounts to the government for ten years is there any scam

बिहारः साइकिल योजना में 500 करोड़ की गड़बड़ी? दस साल से अधिकारी सरकार को नहीं दे रहे हिसाब; कहीं गबन तो नहीं

माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय कुमार ने इसे लेकर सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया है। अपर मुख्य सचिव के पीत पत्र द्वारा सभी जिलों को रिमाइंडर दिया है। इसके लिए दस दिनों का समय दिया गया है

Sudhir Kumar हिंदुस्तान, पटनाFri, 3 Feb 2023 03:39 PM
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बिहार में स्कूली छात्र छात्राओं के दी जाने वाली साइकिल योजना नें पांच सौ करोड़ की गड़बड़ी सामने आई है। पिछले दस साल से अधिकारी इतनी बड़ी राशि का हिसाब नहीं दे रहे हैं। बार-बार रिमांडर दिए जाने के बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने राज्य के सभी जिलों के डीईओ को कड़ा आदेश दिया है।

मुजफ्फरपुर समेत पूरे बिहार  में साइकिल योजना का पांच अरब रुपये से अधिक का हिसाब दस साल से नहीं मिला है। प्रदेश के सभी जिलों में साल 2012 से 19 तक आवंटित राशि का मामला है। मुजफ्फरपुर में 37 करोड़ का हिसाब ढूंढ़ा जा रहा है। सबसे अधिक मधुबनी में 52 करोड़ से अधिक का हिसाब नहीं मिला है। सभी जिलों के डीपीओ से जवाब मांगा गया है। उच्चाधिकारी की ओर से जवाब तलब किए जाने से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। आनन फानन में दस साल पुराने दस्तावेजों की तलाश की जा रही है।

10 दिनों में पूर्ण ब्योरा मांगा

माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय कुमार ने इसे लेकर सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया है। अपर मुख्य सचिव के पीत पत्र द्वारा सभी जिलों को असामंजित राशि का विवरणी बनाने और इसके अनुसार संबंधित सभी विद्यालयों को अग्रिम सूचना देते हुए दस दिनों के भीतर प्रखंडवार शिविर आयोजन करने का निर्देश भी दिया गया था। निदेशक ने निर्देश दिया है कि विशेष अभियान चलाकर सभी जिला शिक्षा अधिकारी अपने पर्यवेक्षण में 15 दिनों के भीतर सभी हिसाब जमा करेंगे।

कहां कितनी राशि का हिसाब नहीं

मुजफ्फरपुर में कुल 33 करोड़ 57 लाख, पश्चिम चंपारण में 27 करोड़ 53 लाख 87 हजार 500, समस्तीपुर में 13 करोड़ से अधिक, वैशाली में नौ करोड़, मधुबनी में 52 करोड़ 68 लाख 77 हजार 500, नवादा में तीन करोड़ 88 लाख से अधिक, पूर्वी चंपारण में एक करोड़ 89 लाख, दरभंगा में 28 करोड़ से अधिक, मधेपुरा में छह लाख रुपये का हिसाब बकाया है।

साल 2012 से 2019 तक आवंटित राशि का मामला

साल 2012-13 में 29 करोड़ से अधिक, साल 13-14 में 300000 से अधिक, साल 15-16 में 82 करोड़ से अधिक, साल 17-18 में डेढ़ अरब से अधिक और साल 18-19 में एक अरब से अधिक का हिसाब बकाया है।
 

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