बैरियर वसूली की आड़ में गुंडागर्दी: कर्मियों की पिटाई से ई-रिक्शा चालक की मौत, विरोध में हंगामा और सड़क जाम
ई-रिक्शा चालकों के विरोध प्रदर्शन के कारण एनएच-31पर महाजाम का नजारा बना रहा। इससे सड़क के दोनों ओर सैकड़ो वाहनों की लंबी लाइन लग गयी। रेलवे स्टेशन से शहर जाने के लिए एक भी ई-रिक्शा नहीं चला।
बिहार के बेगूसराय शहर में बैरियर वसूली के नाम पर गुंडागर्दी चरम पर है। बैरियर शुल्क देने में पांच मिनट लेट होने पर ई-रिक्शा चालकों की बेरहम तरीके से मारपीट करना आम बात हो गयी है। इसी का नतीजा है कि शुक्रवार को शुल्क देने में देर हुई तो वसुलीकर्ताओं ने ई- रिक्शा चालक 38 वर्षीय संजय सोनी की जमकर पिटाई कर दी। इससे उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई।
मृतक सिंघौल ओपी क्षेत्र के नागदह निवासी स्व. मिश्री साह का पुत्र था। मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। वहीं, ई-रिक्शा चालकों में आक्रोश बढ़ गया। गुस्साए ई रिक्शा चालकों ने शनिवार की सुबह हर हर महादेव चौक के समीप एनएच-31 पर लाश रख सड़क जाम कर दिया।
इतना ही नहीं ट्रैफिक चौक के समीप भी एनएच को जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। इससे एनएच पर महाजाम की स्थिति बनी रही। जाम के दौरान गुजरने वाले लोगों को फजीहत का सामना करना पड़ा।
मृतक के परिजनों को मिले 20 लाख मुआवजा
हर हर महादेव चौक के समीप मृतक के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए ई-रिक्शा चालको समेत अन्य लोगों की भीड़ जमा हो गयी। प्रदर्शनकारी शहर में दहशत फैलाकर बैरियर वसूलने के नाम पर दहशतगर्दों
के खिलाफ कार्रवाई करने, बैरियर वसूली का नियत जगह निर्धारित करने की मांग कर रहे थे। सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र कुमार, पुलेंद्र यादव, संतोष गुप्ता आदि मृतक के परिजनों को 20 लाख रुपये मुवावजा देने का अनुरोध जिला प्रशासन से किया है।
महाजाम से आम लोगों के साथ परीक्षार्थी रहे हलकान
ई-रिक्शा चालकों के विरोध प्रदर्शन के कारण एनएच-31पर महाजाम का नजारा बना रहा। इससे सड़क के दोनों ओर सैकड़ो वाहनों की लंबी लाइन लग गयी। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड से लेकर एनएच-31 से शहर जाने के लिए एक भी ई-रिक्शा नहीं चला। इससे आमलोगों के साथ पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा के परीक्षार्थियों को फजीहत का सामना करना पड़ा। परीक्षार्थी जैसे-तैसे दौड़ते हुए परीक्षा केंद्र तक पहुंचे।
परिवार का इकलौता कमाऊ पुत्र था
परिजनों ने बताया कि मृतक दो भाइयों में बड़ा था। एक भाई की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। पिता की मौत के बाद बुजुर्ग मां, भाई व अपने परिवार का जीवन यापन उनकी ही कमाई पर आश्रित था। मृतक अपने पीछे पत्नी, पांच पुत्री व एक पुत्र को छोड़ गया।