बेल या फिर जेल; यूट्यूबर मनीष कश्यप केस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की पिटाई की भ्रामक खबरें फैलाने के आरोपी यूट्यूबर मनीष कश्यप केस में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। NSA हटाने, रेगुलर बेल और केसों को क्लब करने की मांगों पर बहस होगी।
क्या है पूरा मामला?
यूट्यूबर मनीष कश्यप की गिरफ्तारी तमिलनाडु में बिहारी मजदरों की पिटाई की फेक न्यूज और वीडियो वायरल करने के आरोप में हुई थी। इस मामले में पहले बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने एफआईआर दर्ज की थी। जिसके बाद से मनीष फरार चल रहा था। उसकी तलाश में कई जगह छापेमारी हुई। लेकिन वो इस दौरान अलग-अलग जगह छिपता रहा। जिसके बाद पुलिस ने उसके घर की कुर्की का आदेश दिया। जिसके बाद उसने सरेंडर कर दिया। जिसके बाद बिहार पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। और फिर पूछताछ के लिए रिमांड मांगी। जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। पुलिस ने मनीष कश्यप से लंबी पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया।
मनीष कश्यप पर लगा है NSA
30 मार्च को मनीष की ट्रांजिड रिमांड लेने के लिए तमिलनाडु पुलिस पहुंची। कोर्ट की इजाजत के बाद मनीष को तमिलनाडु ले जाया गया। जहां मदुरै की एक स्थानीय अदालत ने 19 अप्रैल तक उसे न्यायिक हिरासत में भेजे दिया। मनीष कश्यप को NSA की कार्रवाई के तहत हिरासत में लिया गया था। मनीष कश्यप पर 6 एफआईआर दर्ज हैं। 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान मनीष कश्यप के वकील एपी सिंह ने जमानत, एनएसए हटाने और सभी केस को एक जगह क्लब करने की मांग रखी थी। पिछली सुनवाई के समय सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूछा गया है कि मनीष पर एनएसए क्यों लगाया गया है। जिस पर तमिलनाडु सरकार ने जवाब देने के लिए वक्त मांगा था। और कोर्ट ने 8 मई की अगली तारीख दी थी।