Hindi Newsबिहार न्यूज़Anand Mohan big demand before Modi government formation wife Lovely Anand is MP from Nitish party JDU

सरकार बनने से पहले आनंद मोहन ने उठाई मांग, नीतीश की पार्टी की सांसद हैं पत्नी लवली आनंद

आनंद मोहन ने कहा है कि बिहार को रेल मंत्रालय मिलना ही चाहिए। चर्चा है कि सरकार में शामिल हो रही जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने भी रेल मंत्रालय की मांग की है। उनके समर्थन में आनंद मोहन आ गए हैं।

Sudhir Kumar लाइव हिन्दुस्तान, दिल्लीFri, 7 June 2024 11:40 AM
share Share

केंद्र में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनने वाली है। नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे। इसे लेकर दिल्ली में बैठकों का दौर जारी है। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और चिराग पासवान की पार्टी एलजेपीआर के संसदीय दल की बैठक हुई जिनमें सरकार के स्वरूप और मंत्रिमंडल में दलों की भूमिका को लेकर चर्चा हुई। नई सरकार के गठन से पहले कई तरह की मांग और मोल भाव की खबरें आ रही हैं। इस बीच जेडीयू सांसद लवली आनंद के पति और पूर्व सांसद आनंद मोहन ने बिहार को रेल मंत्रालय दिए जाने की मांग की है। उन्होंने राज्य को स्पेशल स्टेटस का दर्जा दिए जाने की मांग भी जोरदार तरीके उठाया है। लवली आनंद शिवहर से सांसद चुनी गई हैं।

आनंद मोहन ने कहा है कि बिहार को रेल मंत्रालय मिलना ही चाहिए। चर्चा है कि सरकार में शामिल हो रही जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने भी रेल मंत्रालय की मांग की है। उनके समर्थन में आनंद मोहन ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने अगर यह मांग किया है तो बहुत सोच समझ कर किया होगा। रेल मंत्रालय पर बराबर बिहार का कब्जा रहा है। यह मंत्रालय बिहार के हिस्से रहा। नीतीश कुमार भी रेलमंत्री थे। उनके पहले स्व ललित नारायण मिश्रा, पार्टी से स्व दिग्विजय सिंह, एलजेपी से रामविलास पासवान भी रेलमंत्री रहे। रेलवे रे अधूरे काम को पूरा करना है तो बिहार को रेल मंत्रालय मिलना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि किसे रेलमंत्री बनाया जाना चाहिए।

इसे भी पढ़ें- 'अग्निवीर' पर फिर सोचे मोदी सरकार, चिराग पासवान ने जताया इरादा; बोले- कितना लाभ हुआ, यह पता तो चले

आनंद मोहन ने बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जे की मांग भी उठाई है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने 16 वर्षों के अपने मेहनत से बिहार को जंगल राज से बाहर निकाला। राज्य को प्रगति के दौर में लाकर विकासशील बिहार बनाया। उसे अगर पंख देना है तो बिहार को स्पेशल स्टेटस मिलना जरूरी है। दिल्ली में नीतीश कुमार के आवास से निकलने पर उन्होंने पत्रकारों से बात की जहां जेडीयू संसदीय बोर्ड की बैठक हुई। बैठक की चर्चा को लेकर उन्होंने कहा कि इसके बारे में लवली आनंद बताएंगी। मैं सिर्फ अनौपचारिक रूप से नीतीश जी से मिलने गया था। उन्होंने अयोध्या की तर्ज पर सीतामढ़ी में माता सीता का मंदिर बनाने की भी मांग की।

सूत्रों के हवाले से चर्चा है कि सरकार में साथ देने के लिए जेडीयू बीजेपी से मोलभाव कर रही है। पार्टी की ओर से रेल मंत्रालय की मांग की चर्चा जोरों पर है। केसी त्यागी ने गुरुवार को स्पष्ट कर दिया कि बिहार विशेष राज्य का दर्ज डिजर्व करता है। यह मिलना ही चाहिए। हालांकि केसी त्यागी यह भी कह देते हैं कि इसके लिए पार्टी की ओर से कोई दवाब नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक  जेडीयू की नजर रेल मंत्रालय के अलावे ग्रामीण विकास मंत्रालय और जल संसाधन मंत्रालय पर है। लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की गई है।

दरअसल यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि इस बाच के चुनाव में बीजेपी को मात्र 240 सीटें मिली हैं जो बहुमत से 32 सीट दूर है। ऐसे में बीजेपी के लिए जदयू के 12 सांसद और चंद्रबाबू नायडू के 16 सांसद बहुत महत्वपूर्व हो जाते हैं। इसी दौरान सरकार गठन को लेकर मोलभाव की खबरें आ रही हैं।

अगला लेखऐप पर पढ़ें