पाटलिपुत्रा यूनिवर्सिटी में एफिलिएशन घपला; बीफॉर्मा कॉलेजों को गलत मान्यता दी, राजभवन ने मांगा जवाब
छात्रों से तीन सेमेस्टर की परीक्षा फी वसूल कर ली गई है। परीक्षा सिर्फ एक सेमेस्टर की ली गई है। सीनेट सदस्यों ने कहा कि बीफॉर्मा कोर्स 2020-24 के छात्र परेशान हैं। 2023 समाप्त होने को हैं।
बिहार के पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी में एफिलिएशन में घपले का मामला उजागर हुआ है। विश्वविद्यालय की ओर से सात बीफॉर्मा कॉलेजों को संबंद्धन दे दिया गया। यह संबंद्धता वर्ष 2021 में दी गई। नियम के अनुसार, परंपरागत विवि को बीफॉर्मा कोर्स की संबंद्धता देने का प्रावधान नहीं है। फिर भी विश्वविद्यालय की ओर से नियम को ताक पर रखते हुए संबंद्धता दे दी गई। अब राजभवन ने पूरे मामले पर जवाब मांगा है कि किस परिस्थिति में इन कॉलेजों को संबंद्धता दी गई। जवाब मिलने के बाद कार्रवाई की जा सकती है।
सबसे बड़ा सवाल है कि संबंद्धता पूर्व के कुलपति और कुलसचिव की ओर से दी गयी। यह जानते हुए कि गलत तरीके से संबंद्धता दी गई है तो वर्तमान कुलपति और परीक्षा नियंत्रक को परीक्षा नहीं करानी चाहिए थी। लेकिन, छात्रों का नामांकन सत्र 2020-24 सत्र में ले लिया गया। विधायक संदीप सौरव ने कहा कि छात्रों से तीन सेमेस्टर की परीक्षा फी वसूल कर ली गई है। मगर परीक्षा सिर्फ एक सेमेस्टर की ली गई है। सीनेट सदस्यों ने कहा कि बीफॉर्मा कोर्स 2020-24 के छात्र परेशान हैं। ,साल 2023 समाप्त होने को हैं। अब तक केवल एक सेमेस्टर की परीक्षा आयोजित की गयी है। परीक्षा तो जनवरी में हुई लेकिन अब तक रिजल्ट जारी नहीं किया गया है। उनकी परीक्षा का रिजल्ट कानूनी दांवपेच में फंस गया है।
परीक्षा के दस माह समाप्त होने के बाद भी रिजल्ट जारी नहीं किया गया है। इस मामले में कुलपति ने कहा कि बीफॉर्मा कोर्स संचालित करने वाले कॉलेजों ने गलत तरीके से संबंद्धता ले ली है। पाटलिपुत्रा यूनिवर्सिटी में उनकी संबंद्धता नहीं होनी चाहिए थी। इन्हें उस समय आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में जाना चाहिए था। कुलपति ने कहा है कि पूर्व में जो गलतियां की गई हैं उनमें सुधार किया जाएगा। उन्होंने प्रभावित छात्र छात्राओं को आश्वासन दिया है कि बीफॉर्मा का रिजल्ट जल्द जारी करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। लेकिन पूर्व में जानबूझकर की गई गड़बड़ी के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मियों पर कार्रवाई कोई नहीं कर रहा है। अब सबकी निगाहें राजभवन के फैसले पर टिकी हैं।