टीचर भर्ती से बहाल शिक्षकों को वेतन देने के लिए बिहार के पास पैसा है या नहीं? केके पाठक ने बताई अंदर की बात
उन्होंने कहा कि आपका काम है पढ़ाना और आपको सैलरी देना हमारी जिम्मेदारी है। जो नए शिक्षक बहाल हुए हैं उन्हें 7 दिसंबर तक पहली मिल जाएगी। आप सब की तनख्वाह समय से मिल जाएगी और हर माह मिलती रहेगी।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने बिहार के शिक्षकों को आश्वासन दिया है कि उन्हें समय से सैलरी मिल जाएगी। इसके लिए सरकार के पास पैसों की कोई कमी नहीं है। केके पाठक ने उन्हें समय से स्कूल पहुंचने का निर्देश दिया है। नव नियुक्त शिक्षकों से अपर मुख्य सचिव ने कहा कि स्कूलों में पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
नवनियुक्त शिक्षकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आपका काम है पढ़ाना और आपको सैलरी देना हमारी जिम्मेदारी है। जो नए शिक्षक बहाल हुए हैं उन्हें 7 दिसंबर तक पहली मिल जाएगी।अपने संबोधन में केके पाठक ने कहा कि हमने समय से सैलरी देने की बात कही थी उसे पूरा करेंगे। लोग तरह-तरह की बातें करते हैं कि सरकार ने लाखों शिक्षक बहाल कर लिए हैं लेकिन, वेतन देने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं हैं। यह सब बात आप लोग पब्लिक डोमेन में सुनते होंगे पता नहीं किसने यह भ्रम फैलाया है। मैं आपको आश्वासन देता हूं कि आप सब की तनख्वाह समय से मिल जाएगी और हर महीने मिलती रहेगी।
नए शिक्षकों को उन्होंने कहा कि आप लोगों के 10-12 दिन विद्यालय में काम करते हुए बीते होंगे। उसकी तनख्वाह 7 दिसंबर से पहले दे दी जाएगी और पहली जनवरी को दिसंबर महीने की सैलरी भेज दी जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जिस तरह मेरी सैलरी समय से मिलती है वैसे ही आपको भी समय से तनख्वाह दिया जाएगा। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिया कि मैं आपको समय से सैलरी भेज दिया करूंगा आप लोग समय से स्कूल पहुंच जाएं और ईमानदारी के साथ बच्चों को पढ़ाया करें। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई हो जाएगी।
बिहार में सरकारी सरकारी शिक्षा व्यव्था को पटरी पर लाने के लिए केके पाठक को शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया। वह लगातार राज्य के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं। खुद स्कूलों में चले जाते हैं और वहां की व्यवस्था का जायजा लेते हैं। राज्य में बेहतर पढ़ाई लिखाई का महौल कैसे बने, इस विषय पर अधिकारियों से लेकर शिक्षकों को निर्देश देते हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में लापरवाह शिक्षकों पर पाठक ने कार्रवाई भी की है। नव नियुक्त शिक्षकों के ट्रेनिंग में रात में जाकर उन्होंने निरीक्षण किया। बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर केके पाठक के एक्शन का असर भी दिख रहा है। स्कूलों में शिक्षकों और छात्र छात्राओं की उपस्थिति में काफी सुधार हुआ है। पढ़ाई की गुणवत्ता भी पहले से बेहतर हुई है। स्कूल नहीं आने वाले लाखों छात्र छात्राओं के नाम भी केके पाठक के आदेश से काट दिए गए हैं।