बिहार में 7 और एकलव्य स्कूल खुलेंगे, दो जिलों में इस साल से एडमिशन शुरू
कैमूर और पश्चिम चंपारण में स्थित एकलव्य विद्यालय 2023 में चालू कर दिया जाएगा। नए सत्र में नामांकन शुरू हो जाएगा। एकलव्य विद्यालय पूरी तरह से आवासीय होगा। स्कूल के साथ छात्रावास की भी व्यवस्था रहेगी।
बिहार में 7 और एकलव्य स्कूल खुलने वाले हैं। इसके बाद राज्य में ऐसे विद्यालयों की संख्या 10 हो जाएगी। अभी तक बिहार में तीन एकलव्य विद्यालय बने हैं, जिसमें जमुई में बच्चों का दाखिला हो गया है। वहीं कैमूर के अधौरा और पश्चिम चंपारण के रामनगर में भवन बन रहा है। भवन तैयार होने के साथ ही इसी साल नामांकन शुरू हो जाएगा। इन दोनों जगहों पर भी 700 के लगभग नामांकन होगा। इसके अतिरिक्त बिहार में सात और जगहों पर एकलव्य विद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया है। इन सात एकलव्य विद्यालय के लिए अब जगह चिह्नित की जाएगी।
केंद्रीय बजट में देश भर में 740 एकलव्य विद्यालय खोले जाने की घोषणा हुई। इसमें 7 विद्यालय बिहार से शामिल हैं। जिन जगहों पर आदिवासी समुदाय के लोग अधिक रहते हैं, वहीं पर एकलव्य स्कूल खोला जाएगा। जल्द जगह चिह्नित की जाएगी। बता दें कि एससी और एसटी वर्ग के बच्चों को शैक्षणिक सुविधा देने के लिए एकलव्य विद्यालय खोला जा रहा है। इसमें छात्र और छात्राएं दोनों के पढ़ने और रहने की व्यवस्था होगी।
फिलहाल, जमुई एकलव्य विद्यालय में कुल 740 बच्चों के लिए आवासीय व्यवस्था की गई है। वहीं, कैमूर में 654 और पश्चिम चंपारण के लिए 634 नामांकन लिये जाएंगे। सात नए एकलव्य विद्यालय में 600 से 700 तक बच्चों का नामांकन होगा। लगभग 8 हजार से अधिक बच्चों का नामांकन एकलव्य विद्यालय में होगा। इसके लिए बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा शिक्षकों की बहाली की जाएगी। एक विद्यालय में लगभग 20 से 25 शिक्षक होंगे।
दो जिलों में इस साल चालू हो जाएंगे एकलव्य स्कूल
कैमूर और पश्चिम चंपारण में स्थित एकलव्य विद्यालय 2023 में चालू कर दिया जाएगा। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के राणा वैद्यनाथ कुमार ने बताया कि भवन निर्माण विभाग द्वारा विद्यालय का निर्माण किया जा रहा है। इसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। नए सत्र में नामांकन शुरू हो जाएगा। एकलव्य विद्यालय पूरी तरह से आवासीय होगा। स्कूल के साथ छात्रावास की भी व्यवस्था रहेगी। नए विद्यालयों का काम नए सत्र से शुरू हो जाएगा।