Hindi Newsबिहार न्यूज़सीवानWomen Observe Nirjala Vrat for Long Life of Offspring During Jitiya Festival

संतान की लंबी आयु के लिए आज महिलाएं करेंगी जिउतिया व्रत

रघुनाथपुर में जिउतिया व्रत के दौरान महिलाएं संतान की लंबी आयु के लिए निर्जला उपवास रखेंगी। बुधवार को स्नान-ध्यान करने के बाद व्रति माताएं तड़के सरगही का सेवन करेंगी और पूरे दिन उपवास रखेंगी। गुरुवार को...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीवानWed, 25 Sep 2024 02:22 PM
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रघुनाथपुर, एक संवाददाता। संतान की लंबी आयु के लिए महिलाएं बुधवार को जिउतिया व्रत में निर्जला उपवास रखेंगी। दो दिवसीय अनुष्ठान में व्रत करने वाली माताएं बुधवार को स्नान-ध्यान कर भगवान की आराधना करेंगी। तड़के सुबह में सरगही का भी सेवन करेंगी। उसके बाद ही व्रतियों का निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा। पूरे दिन निर्जला उपवास रखकर माताएं अपने पुत्र के दीर्घायु की कामना करेंगी। गुरुवार की सुबह पारन के साथ यह अनुष्ठान समाप्त होगा। जिउतिया व्रत को लेकर दो दिन पहले से ही पूजन सामग्री और फल-फूल की खरीदारी शुरू हाे गई थी। खरीदारी काे लेकर दुकानों में दिन-भर भीड़ लगी रही। मडुआ का आटा व तरोई सब्जी को स्पर्श (छूकर) इसे पुरोहित को दिया जाता है। गमंगलवार की सुबह में पुआ-पकवान बनेगा और सभी माताएं खाएंगी। शाम में चावल, दाल व सब्जी के अलावा कई तरह के व्यंजन बनाकर खाएंगी। गुरुवार की रात में सभी व्यंजनों को घर के मुंडेर पर चिलो (चील)-सियारिन के लिए भी रखा जाएगा। मड़ुआ की रोटी और तरोई की सब्जी का किया सेवन सनातन संस्कृति में अपने संतान की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए जितिया व्रत की पुरातन परंपरा रही है। जितिया पर्व में माताएं पूरी एक तिथि निर्जला उपवास रखकर जीमूतवाहन की आराधना करती है। इस व्रत की शुरुआत एक खास और अनोखी परंपरा से होती है, जो व्रत से एक दिन पहले निभाई जाती है। बुधवार को निर्जला व्रत शुरू करने से पहले मंगलवार को महिलाओं ने परंपरागत मान्यताओं के अनुसार मड़ुआ की रोटी और तरोई की सब्जी का सेवन किया। हर व्रती को मड़ुआ उपलब्ध हो, इस लिए यह मान्यता है कि आज के ही दिन जो जितना बांटता है, उसके संतान की आयु में उतनी बड़ी बढ़ोतरी होती है। गुरुवार को सुबह सूर्योदय होने के बाद पारण करेंगी। हिंदू कैलेंडर के अनुसार आश्विन माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाता है। इस व्रत को बिहार में खर जिउतिया व्रत भी कहते है. यह व्रत अपनी संतान की लंबी आयु और उनकी सुख, समृद्धि के लिए किया जाता है। जुतिया का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक होता है, इस दिन महिलाएं संतान के सुख समृद्धि के लिए पूरे 24 घंटे निर्जला व्रत रखती हैं और विधि- विधान के साथ पूजा करती हैं। इस व्रत के तप से माता अपने संतान की हर मुश्किल से रक्षा करती हैं इस दिन जीवित्पुत्रिका की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और संतान को भी लंबी आयु का वरदान भी प्राप्त होता है। जितिया व्रत का महिलाओं ने किया उपवास जितिया के व्रत के लिए महिलाओं ने मंगलवार की सुबह सरयू नदी के विभिन्न घाटों पर स्नान के साथ ही शुरुआत की। व्रति महिलाओं ने सुबह में सरयू नदी के विभिन्न घाटों पर स्नान करने के बाद उनकी पूजा अर्चना की व अपने पुत्रों की लंबी आयु के लिए जितिया का व्रत की शुरुआत की। बुधवार को व्रती महिलाएं निर्जला व्रत रहकर शाम में चिल्ह सियारिन और जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा सुनने के बाद अपने पुत्रों के लंबी आयु की कामना के साथी उपवास करेगी। गुरुवार की सुबह पूजा अर्चना के बाद महिलाएं पारण करेंगी। जितिया व्रत के लिए महिलाओं ने अपने घरों में पकवान बनाया व अपने पूर्वजों को याद किया। कई व्रती महिलाओं ने बताया कि रात में वे अपने अपने पितरों के साथ ही चिल्ह सियारिन के लिए भी बने हुए पकवान को रखते हैं।

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