सड़क व नालियों से चकाचक नप क्षेत्र में मुख्य नाला अब भी कच्चे
सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता। विज्ञान केन्द्र में बुधवार को नवनियुक्त अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, कृषि पदाधिकारी और प्लांट प्रोटेक्शन पदाधिकारियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरु हुआ। केन्द्र के...

सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता। सड़क व नालियों से चकाचक नगर परिषद क्षेत्र सीवान प्रमुख मुख्य नालों का पक्कीकरण नहीं किए जाने से आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। बरसात में टूटी व जर्जर मुख्य नालों से पानी ओवरफ्लो होकर बहने से सड़क हो या मोहल्ला हर तरफ फैली गंदगी से लोग परेशान रहते हैं। बरसात में इन मोहल्ले के लोगों का जीवन नरकीय बन जाता है। नाला से निकासी नहीं होने से गंदा पानी जमा रहता है। बरसात के दिनों में स्थिति और भी भयावह हो जाती है। पानी की निकासी नहीं होने से गंदा पानी सड़क पर भरकर तालाब बन जाता है। इससे राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोगों का घर से निकलना दूभर हो जाता है। ऐसे में लोग मजबूरन गंदे पानी से निकलने को मजबूर होते हैं। नए वार्डों के लोगों का कहना है कि जलनिकासी की व्यवस्था नहीं होने से लोग अपने दरवाजे पर गड्ढा बनाकर नाली की पानी इकट्ठा करते हैं। नगर परिषद क्षेत्र में शामिल सात वार्ड के लोगों का कहना है कि इससे अच्छी व्यवस्था तो तब ही थी जब गांव में शामिल थे। बहरहाल, विकसित पथ पर अग्रसर नगर परिषद क्षेत्र में स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ रही हैं। मुख्य मार्ग हो या गली-मोहल्ला सड़के चकाचक दिख रही हैं। पक्का नाला बनाकर उस पर स्लैब रख दिया गया है, लेकिन मोहल्ले से पानी की निकासी फिर भी सही से नहीं हो रही है। इसका मुख्य कारण फतेहपुर बाईपास मोड़ से दाहा नदी, लाल कोठी से दाहा नदी व डीएवी मोड़ से नया किला होकर दाहा नदी तक के मुख्य नाला का पूरी तरह से जाम होना है। जानकार बताते हैं कि हर साल नालों की उड़ाही कराने वाले नगर परिषद ने लंबे समय से इन मुख्य नालों की उड़ाही तक नहीं कराई। वार्डों में तो नाले बना दिए गए लेकिन फंड अधिक होने की बात कहकर मुख्य नाले को आरसीसी नहीं किया जा रहा। इस कारण से जाम व बजबजाते मुख्य नालों से पूरे शहर भर के गंदे पानी की निकासी धड़ल्ले से नहीं होती है। वहीं बरसात के दिनों में यह समस्या और विकराल हो उठती है, जब मुख्य नाला ओवरफ्लो होकर बहते हैं, जिससे कई मोहल्ले में जलजमाव की समस्या गंभीर हो जाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर परिषद क्षेत्र का विस्तार होने से एक आस लगी थी की जलनिकासी की समस्या का समाधान रुट प्लान बनाकर नए सिरे से किया जायेगा, लेकिन नए बोर्ड के गठन के दो साल से अधिक हो गए लेकिन समस्या जस की तस है, इधर बरसात सर पर है। शहरवासियों को उम्मीद थी कि अब व्यवस्था सुधर जाएगी, लेकिन परिणाम साफ-साफ दिख रहा है। क्या कहती उप मुख्य पार्षद फोटो संख्या - 8 कैप्शन - किरण गुप्ता। शहर में जलजमाव का मुख्य कारण पुराने व जर्जर हो चुके नालों का पक्कीकरण नहीं होना है। नाला के पक्का नहीं होने से बरसात पूर्व सही से मुख्य नालों की उड़ाही नहीं हो पा रही। जब-तक मुख्य नाला आरसीसी नहीं होंगे, सही से सफाई नहीं होगी, जलजमाव से निपटना मुश्किल है। किरण गुप्ता, उप मुख्य पार्षद, नप क्या कहते स्थानीय लोग फोटो संख्या - 5 कैप्शन - संग्राम सिंह। नगर परिषद क्षेत्र में हाल में शामिल हुए कई वार्डों में जलनिकासी के लिए नाला तक नहीं है। अस्पताल रोड में मुख्य रोड का नाला लंबे समय से ध्वस्त हो चुका है, जिसे बनाने की कोई पहल नहीं हो रही। यहां सालों भर पानी जमा रहता है, जिसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। संग्राम सिंह, पकड़ी मोड़ फोटो संख्या - 6 कैप्शन - एजाज अली अंसारी। सिर्फ बरसात ही क्यों हल्की बारिश में शहर का कई इलाका पानी में डूबता है। हर तरफ रोड-नाला बन रहा है, लेकिन सिसवन ढाला मोड़ पर अबतक नाला नहीं बना जिससे यहां जलजमाव की समस्या बनी रहती है। जलजमाव का स्थायी निदान करने में स्थानीय पार्षद पूरी तरह फेल हैं। एजाज अली अंसारी, अंसारी मोहल्ला। फोटो संख्या - 8 कैप्शन - चंदन कुमार। शहर के नई बस्ती महादेवा में हर साल लोग जलजमाव की समस्या से जूझते हैं। बरसात में वार्ड का कई इलाका ऐसा है, जहां लोग बांस की चचरी बनाकर अपने घरों में आते-जाते हैं। नप होल्डिंग टैक्स लेने सबसे पहले आता है, लेकिन जलजमाव में फंसे लोगों का हाल जानने नहीं। चंदन कुमार, गांधी मैदान
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