दाखिल-खारिज व परिमार्जन को लेकर दूर नहीं हो रही समस्या
रघुनाथपुर में भूमि धारकों को दाखिल-खारिज और परिमार्जन की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कई आवेदन लौटाए जा चुके हैं और जमीन के रजिस्टर क्षतिग्रस्त हैं। किसान बार-बार अंचल कार्यालय और साइबर कैफे के...
रघुनाथपुर, एक संवाददाता। दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन को लेकर भूमिधारकों की टेंशन खत्म ही नहीं हो रही है। परिमार्जन और त्रुटि बताकर लौटा दिए गए दाखिल-खारिज के आवेदन में सुधार करने की कोशिश भी बेकार हो रही है। इस समस्या को दूर करने को लेकर जमीन मालिक कभी साइबर कैफे तो कभी अंचल कार्यालय के अभिलेखगार में दौड़ लगा रहे हैं। जमीन की रजिस्टर-2 क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जो बचा वह आधा-अधूरा और कटे-फटे स्थिति में हैं। बहुत सारे किसानों के नाम जमाबंदी और रकबा का परिमार्जन हुआ ही नहीं है, दाखिल-खारिज भी लंबित हैं। जमाबंदी के कागजात में प्लॉट नंबर है तो चौहदी और रकबा नहीं चढ़ा है। जमीन के सर्वेक्षण शुरू हुआ तो अंचल कार्यालय में लोग दौड़ लगाने लगे हैं। बहुत से लोगों के दाखिल खारिज इस वजह से नहीं हो रहा है कि जिस जमीन का वे दाखिल-खारिज कराना चाहते हैं, ऑनलाइन हुआ ही नहीं है। परिमार्जन के बाद ऑनलाइन होने पर भाग संख्या और पृष्ठ संख्या संबंधित जमीन का बदल जा रहा है। इसमें सुधार के लिए आवेदन लौटने पर भी किसान के आईडी पर शो नहीं कर रहा है। सीओ स्तर पर लंबित दाखिल-खारिज के आवेदन से जुड़ा मोबाइल नंबर भी शो नहीं कर रहा है। इसके बदले में किसी दूसरे का मोबाइल नंबर दिखा रहा है। अंचल कार्यालय के कंप्यूटर ऑपरेटरों का इस संबंध में कहना है कि इसकी शिकायत आईटी सेल में किया जाएगा, तब ही सुधार संभव है।
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