वित्त रहित शिक्षकों को वेतन गुणवत्ता व स्थायित्व भी करेगा सुनिश्चित- महाचंद्र
पटना उच्च न्यायालय ने राज्य के वित्तरहित शिक्षकों को वेतन और पेंशन देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. महाचंद्र प्रसाद सिंह ने इस निर्णय का स्वागत किया और इसे शिक्षकों के अधिकारों...

सीवान, निज प्रतिनिधि। पटना उच्च न्यायालय द्वारा राज्य के वित्तरहित शिक्षकों को वेतन व पेंशन देने के ऐतिहासिक निर्णय का पूरजोर स्वागत करते हैं। यह न्याय की जीत और शिक्षकों के अधिकारों की पुनर्प्रतिष्ठा है। उक्त बातें शहर के अतिथि गृह स्थिति सभागार में गुरुवार को बिहार सरकार के पूर्व मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. महाचंद्र प्रसाद सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कही। कहा कि वित्तरहित शिक्षकों को समय पर अनुदान नहीं मिल पाता था और जो अनुदान मिलता था वो शिक्षकों के सम्मान के अनुरूप नहीं था। वित्तरहित शिक्षकों की 18 वर्षों से चली आ रही उपेक्षा और संघर्ष को न्यायपालिका ने गंभीरता से लिया है।
यह निर्णय न केवल शिक्षकों को सम्मान देगा, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता और स्थायित्व भी सुनिश्चित करेगा। आगे कहा कि वर्ष 2007 में जब बिहार में वित्तरहित शिक्षा नीति को समाप्त किया गया था, उस समय मैंने शिक्षा क्षेत्र के हित में इस निर्णय को लागू कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मेरा मानना था कि शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए शिक्षकों को आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा देना अनिवार्य है। राज्य सरकार से आग्रह किया कि वह उच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हुए जल्द से जल्द इसे लागू करे, ताकि वित्तरहित शिक्षकों को लंबित वेतन और पेंशन का लाभ मिल सके। मौके पर पारस सिंह, सौरभ कुमार सहित अन्य मौजूद रहे।
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