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धान की फसल को पानी की दरकार, बरस नहीं रही बदरा

रघुनाथपुर में नहरों में पानी की कमी और बारिश न होने के कारण किसानों की धान फसल प्रभावित हो रही है। नमी की कमी से फसल पीली पड़ने लगी है और सूखने की आशंका है। किसान पंपसेट से फसल को बचाने की कोशिश कर...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीवानWed, 9 Oct 2024 03:38 PM
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रघुनाथपुर, एक संवाददाता। पिछले कई दिनों से नहरों में पर्याप्त पानी नहीं रहने और बदरा के नहीं बरसने के कारण किसानों के धान फसल को पानी की दरकार हो गई है। उनके खेतों में नमी की कमी हो जाने से कहीं-कहीं पर फसल पीले भी पड़ने लगे हैं। पानी के अभाव में वैसी जगह जहां धान में बाली आने लगी है, उनमें सूखने की बातें कही जा रही है। अन्य जगहों पर पानी के अभाव में धान की फसल प्रभावित हो रही है। चंवरी क्षेत्र में देर से पैदावार देनेवाली धान की फसल लगाई गई है। इन क्षेत्रों में फसल की सिचाई के लिए एकमात्र साधन नहर उपलब्ध है। इसके अलावा किसान प्राय: हर वर्ष बारिश के पानी पर निर्भर रहते हैं। फसल के समय पर्याप्त बारिश होने पर धान और अन्य फसल हो पाती है, अन्यथा उसके उत्पादन में भारी कमी होती रही है। प्रखंड क्षेत्र से गुजरने वाली चकरी-चांदपुर उपवितरणी व फुलवरिया-टारी शाखा नहर में महीने भर से पानी नहीं दिया जा रहा और इस कारण नहरें भी सूख चुकी हैं। खेतों तक पानी नहीं पहुंचने के कारण किसानों का मनोबल टूटता दिखाई दे रहा है। किसान पंपसेट के सहारे अपनी फसल को बचाने की जद्दोजहद में लगे हैं। उधर, गंडक विभाग के पदाधिकारी किसानों के इस गंभीर समस्या से बेखबर बने हुए हैं। प्रखंड क्षेत्र के कई किसानों ने बताया कि यदि फिलहाल नहर में पानी नहीं छोड़ा गया और बारिश नहीं हुई तो धान की फसल इस बार आधी भी नहीं होगी। कई किसानों ने बताया कि नहर में पानी रहने के बाद भी सिचाई में काफी कठिनाई होती है। क्योंकि खेतों तक नाले की व्यवस्था नहीं है। इधर, 12 अक्टूबर से चित्रा नक्षत्र चढ़ जाएगा। जबकि हथिया नक्षत्र में मात्र 2 दिन ही शेष रह गए हैं। मौसम इस तरह का हो रहा है कि बारिश की उम्मीद ही नहीं दिख रही है। जबकि उमस भरी गर्मी के बाद कभी-कभी बादल घिर भी रहे हैं, लेकिन बारिश नहीं हो रही है। मध्यम वेरायटी के धान को भी पानी की जरूरत प्रकृति की मार झेल रहे रघुनाथपुर के किसानों को कुछ राहत तो उतरा और हथिया नक्षत्र ने जरूर दिया है। लेकिन, धान के लिए पर्याप्त पानी समय पर नहीं होने से एक या दो पटवन अधिकतर किसान को करना पड़ेगा। फुलवरिया, पंजवार एवं निखती कला गांव के किसानों ने बताया कि मध्यम समय में होनेवाले धान पर भी हथिया नक्षत्र की बारिश का असर दिख तो रहा है। लेकिन, एक बारिश की और जरूरत है। किसान शम्भूनाथ राय ने बताया कि अगर बारिश फिर से नहीं हुई तो खाली पड़े खेतों को छोड़ दें तो धान की कटनी के बाद कोई फसल उस खेत का पटवन किये बगैर लगाई जा सकती। जिले में कहीं धान की कटनी शुरू हुई है तो कहीं फसल पककर तैयार हैं। किसी खेत में बालियां निकलने लगी है तो कहीं रेड़ा भी अभी नहीं लगा है। रघुनाथपुर के चकरी में किसान आगत किस्म के धान की फसल काटने भी लगे हैं।

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