संघ के प्रशिक्षण से देश सेवा करने का मिलता है बल
सीतामढ़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विकास वर्ग प्रथम का समापन समारोह हुआ। मुख्य अतिथि डॉ. कृष्णानंद सिंह ने संघ की निस्वार्थ सेवा और राष्ट्रीय भावना की महत्वपूर्णता पर जोर दिया। महंत कौशल किशोर दास...

सीतामढ़ी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तर पूर्व क्षेत्र (बिहार झारखंड) के कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम का विधिवत समापन समारोह स्थानीय राधा कृष्ण गोयंका महाविद्यालय के खेल मैदान में शुक्रवार को संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में पटना उच्च न्यायालय के महाधिवक्ता डॉ कृष्णानंद सिंह, विशिष्ट अतिथि के रूप में पुनौरा धाम के महंत कौशल किशोर दास जी तथा मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक बिहार झारखंड रामनवमी प्रसाद, वर्ग के सर्वाधिकारी सकलदेव चौरसिया की उपस्थिति रही। महंत कौशल किशोर दास जी ने सभी शिक्षार्थियों को शुभकामना देते हुए कहा कि संघ का प्रशिक्षण सभी युवाओं को लेना चाहिए इससे हमें राष्ट्रीय भावना और उसकी रक्षा हेतु कार्य करने का बल मिलता है।
मुख्य अतिथि डॉ. कृष्णनंदन सिंह जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज में संघ के बारे में विरोधियों ने कई भ्रांतियां फैला रखी हैं, उन्होंने संघ के कार्यक्रम में सम्मिलित होने को अपना सौभाग्य बताया। उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवक प्रतिज्ञा लेते हैं, उस प्रतिज्ञा मे ही निस्वार्थ सेवा-भाव, राष्ट्रीय तत्व को आत्मसात करने और हिंदू धर्म की रक्षा करने कि तत्परता देता है। उन्होंने हिंदू शब्द की व्याख्या जो सर्वोच्च न्यायलय ने दे रखी है उसके अनुसार हिंदू एक जीवन पद्धति है। यह पद्धति हमें किसी से घृणा नहीं सिखाती। हिंदू कहीं भी पूरे विश्व में खतरा नहीं है उसका कारण उसकी जीवन पद्धति एवं संस्कार है। जो सबका आदर करना सिखाते हैं। उन्होंने कहा कि संघ के संस्थापक ने जो संकल्प हिंदुओं को इकट्ठा करने का लिया, वह महान विचार आज देश दुनिया को निरंतर आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने डॉक्यूमेंट 2047 के लीक होने से जिहादी और ईसाइयों के राजनीतिक मंसूबे का पता चला, जो कि भारत के लिए खतरनाक है। संघ के क्षेत्र प्रचारक सह मुख्य वक्ता रामनवमी प्रसाद जी ने कल अहमदाबाद में हुए विमान हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि हादसे एकाएक होते है लेकिन जो भाव सेवा का होता है वह ऐसे कई संकटों मे भी राह दिखाता है। भारत तपस्वियों की धरती रही है, संघ का प्रत्येक स्वयंसेवक सेवा-भाव में तपस्वी सरीखा खड़ा रहता है, और भारत माता की सेवा में लगे रहना इसकी पुष्टि करता है। कार्यक्रम मे जिले के कई गणमान्य, राजनितिक, सामाजिक, व्यापारिक, धार्मिक एवं जनसमान्य कि उपस्थिति रही। शिक्षार्थियों द्वारा वर्ग में सीखे गए शारीरिक एवं घोष का प्रदर्शन हुआ। जिसमें दंड युद्ध, नियुद्ध दंड, पद विन्यास, एवं घोष सम्मिलित रहे। यह समापन शस्त्र और शास्त्र के संतुलन को दिखाने-सिखाने वाला रहा। विभिन्न प्रकार के योगासन जिससे मन, बुद्धि, शरीर और आत्मा को स्वस्थ, शांत एवं एकाग्र रखने के कौशल का प्रदर्शन भी हुआ।
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