रातो नदी उफनायी, सिमियाही गांव में घुसा पानी
नेपाल से निकली रातो नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण बाढ़ का पानी दिवारी मतौना पंचायत के सिमियाही गांव में प्रवेश करने से ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गयी है। गांव के वार्ड संख्या चार, पांच व छह के दर्जनों...
सुरसंड। नेपाल से निकली रातो नदी के जलस्तर में हुयी वृद्धि के कारण बाढ़ का पानी दिवारी मतौना पंचायत के सिमियाही गांव में प्रवेश करने से ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गयी है। सिमियाही गांव के चारो तरफ बाढ़ का पानी फैल जाने से ग्रामीणों का अपने घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। उक्त गांव के वार्ड संख्या चार, पांच व छह के दर्जनों घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। दर्जनों परिवार के लोगों का अपने घरों से निकलना भी मुश्किल हो चुका है। वार्ड सदस्य प्रतिनिधि नजारे अंसारी के अनुसार वार्ड संख्या छह का लगभग एक दर्जन परिवार गांव के स्कूल में शरण लिए हुए है। वार्ड संख्या चार में स्थित पीसीसी सड़क पर पानी का तेज बहाव हो रहा है। इससे लोगों को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
वार्ड संख्या छह से होकर गुजरने वाली ग्रामीण सड़क भी पानी के तेज बहाव में क्षतिग्रस्त होकर चलने योग्य नहीं रह गया है। कुछ दिन पूर्व आयी बाढ़ से करीब 50 फीट में टूटी हुई ग्रामीण सड़क की अब तक मरम्मत नहीं होने से स्थिति जस की तस बनी हुयी है। बाढ़ पीड़ितों को सरकारी स्तर पर किसी प्रकार की मदद नहीं मिलने से लोगों में आक्रोश है।
भिठ्ठामोड़ चौक से रातो पुल के बीच एनएच 227 पर से बाढ़ का पानी मंगलवार की रात से चढ़ने लगा था। बुधवार की सुबह के बाद से धीरे-धीरे उतर गया। शाम होते-होते पानी पूरी तरह उतर गया था। श्रीखंडी भिठ्ठा गांव के वार्ड पांच के दर्जनों घर अभी तक बाढ़ के पानी से घिरे हुए है। उक्त वार्ड में जानेवाली एकमात्र पीसीसी सड़क पर पानी का तेज बहाव होने से लोग अपनी दैनिक आवश्यकता की सामग्री भी नहीं खरीद पा रहे हैं। आम लोगों का कहना है कि यदि रातो के जलस्तर में और बढ़ोतरी होती है तो प्रखंड के पूर्वी क्षेत्र के और भी गांव इसके चपेट में आ सकता है। बाढ़ का पानी सरेह में फैल जाने से किसानों के खेत में लगी धान की फसल व बिचड़ा समाप्त होने के कगार पर पहुंच गया है।
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