Hindi Newsबिहार न्यूज़Shock cause to DEOs of 25 districts of Bihar Education Department action on delay in making Apar ID card

बिहार के 25 जिलों के डीईओ को शोकॉज, अपार आईडी कार्ड बनाने में देरी पर शिक्षा विभाग का एक्शन

  • अपार आईडी के निर्माण में शिथिलता बरतने पर शिक्षा विभाग ने पटना समेत राज्य के 25 जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) को शोकॉज जारी किया है। और तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा है। अपार कार्ड बनाने में राज्य का औसत प्रतिशत 5.54 दर्ज हुआ है।

sandeep हिन्दुस्तान, पटना, कार्यालय संवाददाताSun, 1 Dec 2024 07:27 PM
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बिहार शिक्षा विभाग ने पटना समेत राज्य के 25 जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) से ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार कार्ड) के निर्माण में शिथिलता बरतने पर जवाब-तलब किया है। विभाग ने अपार कार्ड की धीमी प्रक्रिया पर कड़ी आपत्ति जतायी है। डीईओ को निर्देश है कि तीन दिनों के अंदर आप बतायें कि क्यों न आपके खिलाफ इस सुस्त रवैये पर अनुशासनिक कार्रवाई की जाये। इसको लेकर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक योगेंद्र सिंह की ओर से 25 जिलों के डीईओ को पत्र लिखा गया है।

पत्र में कहा गया है कि अपार आईडी (कार्ड) का राज्य स्तर पर औसत निर्माण प्रतिशत 5.54 है। वहीं, आपके जिलों में इससे भी कम कार्ड बने हैं। जिलों को कहा गया है कि अपार आईडी के निर्माण के लिए डीईओ को ही नोडल पदाधिकारी नामित किया गया है। 16 नवंबर से विशेष अभियान चलाकर अपार आईडी निर्माण का निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद भी कार्य की धीमी प्रगति से ऐसा लगता है कि आप इस कार्य में रुचि नहीं ले रहे हैं, जो अत्यंत खेद का विषय है। इसलिए तीन दिनों के अंदर आप अपना स्पष्टीकरण दें कि कार्य में शिथिलता बरतने के कारण आपके विरुद्ध क्यों नहीं अनुशासनिक कार्रवाई की जाये। इन 25 जिलों में पटना, सारण, बक्सर, गया, पूर्वी चंपारण, दरभंगा, कटिहार, किशनगंज, मधुबनी, सहरसा, जहानाबाद, शिवहर, सीतामढ़ी, भोजपुर, बेगूसराय, जमुई, गोपालगंज, लखीसराय, पश्चिम चंपारण, अररिया, अरवल, बांका, सीवान, मुजफ्फरपुर और मधेपुरा शामिल हैं।

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क्या है अपार कार्ड

अपार कार्ड में संबंधित छात्र-छात्रा को एक यूनिक नंबर मिलेगा। यह कार्ड प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक तक के छात्र-छात्राओं के लिए बनाया जाना है। यह एक तरह का डिजिटल आईडी कार्ड है, जिसकी मदद से विद्यार्थी आसानी से अपने शैक्षिक रिकॉर्ड, शैक्षिक उपलब्धियों और शिक्षा से संबंधित अन्य सारी जानकारी ऑनलाइन ही प्राप्त कर सकेंगे। यह पहल भारत सरकार की ओर से शुरू ‘एक देश, एक छात्र आईडी’ कार्यक्रम का हिस्सा है, जो 2020 की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जुड़ी है।

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