कौन हैं IPS शिवदीप लांडे? बिहार में अपराधियों की नींद उड़ाई, लड़कियों के फोन में हमेशा रहता था नंबर
महाराष्ट्र के रहने वाले शिवदीप लांडे की गिनती बिहार के तेज तर्रार आईपीएस अधिकारियों में होती है। पटना का सिटी एसपी रहते हुए उन्होंने मनचलों को सीधा कर दिया था। उनके कार्यकाल में लड़कियां खुद को सुरक्षित महसूस करती थीं।
Shivdeep Lande IPS Profile: सुपरकॉप, बिहार का सिंघम जैसे उपनामों से पहचाने जाने वाले शिवदीप वामनराव लांडे मूलरूप से महाराष्ट्र के अकोला के रहने वाले हैं। वे बिहार कैडर के 2006 बैच के आईपीएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी हैं। उनकी गिनती तेज-तर्रार और दबंग अफसर के रूप में होती है। वे अभी पूर्णिया के आईजी पद पर तैनात हैं। उन्होंने आईपीएस से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया है। आईपीएस शिवदीप लांडे के पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
शिवदीप लांडे का जन्म 29 अगस्त 1976 में हुआ था। वह एक किसान परिवार से आते हैं। पिता खेती करके अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। शिवदीप दो भाइयों में बड़े हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई अकोला में ही हुई। इसके बाद शेगांव के श्री संत गजानन महाराज इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स में बीटेक की। इसके बाद यूपीएससी की तैयारी के लिए मुंबई चले गए।
शिवदीप लांडे ने शुरुआती प्रयास में यूपीएससी पास कर भारतीय राजस्व सेवा में नौकरी हासिल कर ली। हालांकि, उन्होंने दोबारा यूपीएससी की परीक्षा दी और 2006 में आईपीएस चुने गए। शिवदीप को बिहार कैडर मिला और उनकी पहली जॉइनिंग नक्सल प्रभावित मुंगेर जिले के जमालपुर में हुई। इसके बाद उन्हें पटना, अररिया, पूर्णिया, रोहतास समेत कई जिलों में पोस्टिंग मिली।
शिवदीप लांडे ने अपनी पोस्टिंग के दौरान अपराधियों की नाक में दम कर दिया। खनन माफिया की कमर तोड़ दी। रोहतास का एसपी रहते हुए वे खनन माफिया से लड़ने के लिए जेसीबी लेकर चले गए। इस कार्रवाई में खनन से जुड़े सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
लड़कियों के फोन में रहता था शिवदीप लांडे का नंबर
शिवदीप लांडे का सबसे चर्चित कार्यकाल पटना में सेंट्रल एसपी का रहा। सिटी एसपी रहते हुए उन्होंने राह चलते लड़कियां छेड़ने वाले मनचलों को खूब सबक सिखाया। इससे पटना की छात्राओं और महिलाओं ने खुद को सुरक्षित महसूस करना शुरू कर दिया। यहां तक कि लड़कियों के मोबाइल फोन में आईपीएस शिवदीप लांडे का नंबर भी सेव रहता था। उनका जब अररिया ट्रांसफर हुआ था तो लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर विरोध जताया था।
रोहतास में खनन माफिया पर बुलडोजर चलाए जाने के बाद उन्हें डेप्युटेशन पर महाराष्ट्र भेजा गया। महाराष्ट्र में उन्होंने एटीएस में कई बड़े पदों पर काम किया और ड्रग एवं अंडरवर्ल्ड माफिया के मंसूबों को नाकाम किया। साल 2021 में शिवदीप लांडे अपने मूल कैडर बिहार वापस लौटे।