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Sharda Sinha Latest News: चेहरे पर मुस्कुराहट और तकलीफों को छिपाने का हुनर, शारदा सिन्हा के परिजनों ने बताई अनकही बातें

Sharda Sinha Latest News: जानकार बताते हैं कि शारदा सिन्हा पढ़ने में होनहार थी। कोई भी पंक्ति उन्हें एक बार पढ़ने से याद हो जाता था। समय पर हर कार्य को करना पसंद करती थीं। चेहरे पर मुस्कुराहहट उनकी पहचान थी।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान टीम, सुपौलWed, 6 Nov 2024 01:51 PM
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Sharda Sinha Latest News: मशहूर गायिका शारदा सिन्हा के निधन से सभी दुखी हैं। कई लोग शारदा सिन्हा को अपने-अपने तरीके से श्रद्धांजलि दे रहे हैं। बिहार के सुपौल जिले के हुलास पंचायत वार्ड-2 में उनके घर और घर के आसपास मौजूद हर कोई गमगीन है। शारदा सिन्हा के निधन के बाद उनके परिजनों ने मशहूर गायिका के व्यक्तित्व पर बातचीत करते हुए कहा कि चेहरे पर हमेशा मुस्कुराहट और अपनी तकलीफों की कला को छिपाने की उनमें गजब की खूबी थी।

नौ महीने पहले भतीजे के रिसेप्शन पार्टी में हुलास पहुंची थीं शारदा

शारदा सिन्हा महज नौ महीने पहले मार्च में अपने पैतृक गांव हुलास में भाई पदनाम शर्मा के पुत्र की शादी के रिसेप्शन में शिरकत करने पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने गांव में अपने परिजनों के अलावा स्थानीय लोगों से मिलकर उनका हाल जाना था। हुलास पंचायत वार्ड 2 निवासी चचेरे भाई विजय ठाकुर, ननद निर्मला देवी सहित अन्य परिजन बताते हैं कि किसी ने यह नहीं सोचा था कि शारदा दीदी अंतिम बार गांव आ रही हैं।

वहीं कुछ परिजनों ने दीदी की ब्लड कैंसर की बीमारी होने की जानकारी नहीं होने की बात कही। उन्होंने कहा कि दीदी ने किसी को अपने बीमार होने का अहसास नहीं होने दिया। अपने तकलीफों को छुपाए रखा। एम्स में भर्ती होने के बाद बीमारी होने की जानकारी मिली। बहरहाल शारदा सिन्हा के अचानक निधन से हुलास पंचायत सहित जिलेभर के लोगों के बीच शोक की लहर दौड़ गई है।

पान खाने की शौकीन थीं शारदा सिन्हा

शारदा सिन्हा पान खाने की काफी शौकीन थीं। वह नए-नए जगहों पर मिलने वाले पान का स्वाद लेने से पीछे नहीं हटती थीं। यह बात और है कि मिथिला में मिलने वाले पान का स्वाद उसे बेहद पसंद था।

राधानगर मध्य विद्यालय में प्राप्त की प्राथमिक शिक्षा

शारदा सिन्हा की प्रारंभिक पढ़ाई अपने गांव में ही हुई। उन्होंने राधानगर मध्य विद्यालय से 8वीं कक्षा तक की शिक्षा प्राप्त की। जानकार बताते हैं कि शारदा सिन्हा पढ़ने में होनहार थी। कोई भी पंक्ति उन्हें एक बार पढ़ने से याद हो जाता था। समय पर हर कार्य को करना पसंद करती थीं। चेहरे पर मुस्कुराहहट उनकी पहचान थी। वो बड़ों का सम्मान करती थीं। मिथिलांचल की बेटी सफलता के उच्चतम शिखर को छूने के बावजूद जमीन से जुड़ी रहीं।

1970 में बेगुसराय जिले के बृजकिशोर से की अरेंज मैरिज

साल 1970 में शारदा सिन्हा ने परिवार की रजामंदी से बेगुसराय जिला निवासी ब्रजकिशोर सिन्हा से अरेंज मैरिज किया। शारदा और ब्रजकिशोर को एक पुत्र अंशुमान सिन्हा और एक पुत्री वंदना हुईं। वहीं शादी के बाद सास के गाने-बजाने पर रोक के बावजूद शारदा के पति ने उनका साथ दिया। मालूम हो कि महज कुछ माह पहले ही शारदा के पति ब्रजकिशोर की मौत ब्रेन हेमरेज के कारण हो गई थी।

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