Hindi Newsबिहार न्यूज़secretariat Staff and bhajan singer did fraud on the name of job in railway and steel plant

रेलवे, FCI और स्टील प्लांट में नौकरी के नाम पर ठगी, सचिवालय का रिटायर्ड क्लर्क मास्टरमाइंड; मशहूर भजन गायिका भी शामिल

ठगी के शिकार सौरभ और मोहन ने बताया कि सोनू मुस्कान ने उनसे कहा कि सचेंद्र शर्मा रुपये लेकर नौकरी लगवा देता है। उससे मिलने के लिए एक लाख फीस है। सौरभ और मोहन से एक-एक लाख रुपये लेने के बाद बीते दो व चार जुलाई को सचेंद्र शर्मा से मिलवाया गया।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरWed, 11 Sep 2024 12:44 AM
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रेलवे समेत कई विभागों में स्पोर्ट्स कोटा में नौकरी दिलवाने के नाम पर बेरोजगारों से ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा हुआ है। सचिवालय से रिटायर्ड क्लर्क ब्रह्मपुरा किलाबांध मोहल्ला निवासी सचेंद्र शर्मा (82) रैकेट का मास्टरमाइंड है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पीड़ित दो बेरोजगारों ने रेलवे में टीसी की नौकरी के नाम पर 15 लाख की ठगी का आरोप लगाते हुए बेला थाने में केस दर्ज कराई है, जिसमें छह लोगों को नामजद आरोपित बनाया गया है।

शहर की मशहूर भजन गायिका सोनू मुस्कान, दानापुर रेलवे स्टेशन पर कार्यरत बताया गया कबीर नामक रेलवे कर्मी, अहियापुर बाजार समिति का व्यवसायी श्याम बाबू सिंह भी इसमें शामिल है। एएसपी नगर भानू प्रताप सिंह ने बताया कि ठगी के शिकार सौरभ व मोहन ने जब छानबीन शुरू की तो इस रैकेट में 30 से अधिक लोगों की संलिप्तता सामने आई है, जिनका जुड़ाव पटना, मुजफ्फरपुर, सासाराम, बर्द्धमान समेत कई शहरों से है।

शातिर रुपये लेने के बाद ट्रेनिंग भी करवाते हैं और फर्जी ज्वाइनिंग लेटर देते हैं। जब बेरोजगार नौकरी ज्वाइन करने पहुंचता है तब उसे पता चलता है कि उसे ठगा गया है। एएसपी नगर ने बताया कि यह गिरोह रेलवे ही नहीं, एफसीआई, स्टील प्लांट, सेंट्रल पुलिस अधिकारी की नौकरी तक में ठगी का रैकेट चला रहा है। बताया कि सौरभ और मोहन ने संयुक्त हस्ताक्षर से दिए आवेदन में कहा है कि वे लोग नौकरी के लिए काफी परेशान थे। इस बीच बाजार समिति के आलू-प्याज व्यवसायी श्याम किशोर सिंह ने भजन गायिका कृष्णा टॉकिज के पीछे मोहल्ला निवासी सोनू मुस्कान से मिलवाया।

ठगी के शिकार सौरभ और मोहन ने बताया कि सोनू मुस्कान ने उनसे कहा कि सचेंद्र शर्मा रुपये लेकर नौकरी लगवा देता है। उससे मिलने के लिए एक लाख फीस है। सौरभ और मोहन से एक-एक लाख रुपये लेने के बाद बीते दो व चार जुलाई को सचेंद्र शर्मा से मिलवाया गया। उसने दोनों से अपने डेरा पर फॉर्म भरवाया और सात-सात लाख रुपये जमा करने के बाद दोनों को डाक से रेलवे का ज्वाइनिंग लेटर मिला।

सौरभ को गया के वजीरगंज और मोहन को पश्चिम बंगाल के वर्धमान में ज्वाइन करना था। जब ज्वाइनिंग लेटर लेकर सौरभ वजीरगंज रेलवे स्टेशन पहुंचा तो स्टेशन मास्टर ने कहा कि सारा लेटर फर्जी है। पुलिस का लफड़ा देख सौरभ वहां से किसी तरह निकला। इसी तरह मोहन को भी वर्धमान जंक्शन पर ज्वाइनिंग लेटर को फर्जी बताया गया।

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