गेहूं का फसल क्षति अनुदान नहीं मिलने से किसान बेचैन
प्रखंड में सैकड़ों की संख्या में किसान गेहूं के फसल क्षति अनुदान राशि से अब तक वंचित हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए कृषि विभाग की योजनाओं में डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना लागू...
प्रखंड में सैकड़ों की संख्या में किसान गेहूं के फसल क्षति अनुदान राशि से अब तक वंचित हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए कृषि विभाग की योजनाओं में डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना लागू की है।
योजना का उद्देश्य किसानों को अनुदान (सब्सिडी) का पैसा सीधे उनके बैंक खातों में भेजना था। लेकिन आलम यह है कि अनुदान राशि पाने के लिए किसान विभाग और अधिकारियों का चक्कर लगा रहे हैं। अप्रैल माह में गेहूं कटनी के समय हुई लगातार बारिश से प्रखंड के रकवा में लगे गेहूं की फसल नुकसान हो गयी थी। प्रखंड कृषि कार्यालय द्वारा भी 33 प्रतिशत फसल क्षति का रिपोर्ट विभाग को सौंपा गया। जिसके मुताबिक विभाग द्वारा ऑनलाइन पोर्टल किसानों के आवेदन के लिए खोला गया। ताकि किसान उस पर अपने क्षति के आकलन का ब्योरा समर्पित कर नुकसान का अनुदान पा सके। किसानों ने साइबर कैफे का चक्कर लगा-लगा कर आवेदन भी किया। कृषि समन्वयक फणीश कुमार ने बताया रोसड़ा प्रखंड के किसानों के ऑनलाइन पोर्टल अप्रैल माह में खोला गया था। जिन लोगों ने आवेदन अप्रैल माह में किया है, उन्हें क्रमवार तरीके से उनके बैंक खाते में अनुदान की राशि भेजी जा रही है। इनमें कुछ किसानों को राशि प्राप्त भी हुई है।
जानकारी के अभाव में कई किसानों ने दूसरे जिले व प्रखंड के लिए खोले गए ऑनलाइन पोर्टल में ही आवेदन कर दिया, ऐसे कई आवेदनों को निरस्त किया जा चुका है । वहीं विभाग द्वारा वेरिफाई को भेजे गए आवेदकों की सूची का भौतिक निरीक्षण कर रिपोर्ट भेज दी गयी है। शेष सभी किसानों को शीघ्र ही अनुदान की राशि उनके बैंक खाते में आ जाएगी।
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