उजियारपुर अस्पताल के कर्मी का डेंगू से हुई मौत
उजियारपुर के सीएचसी में तैनात रामलखन दास की डेंगू से मौत हो गई। उनका इलाज पटना के एक निजी अस्पताल में चल रहा था, जहां बुधवार रात उनकी मृत्यु हुई। उनकी पत्नी सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं। हसनपुर में...
उजियारपुर, निज संवाददाता। उजियारपुर सीएचसी में बीसीएम के पद पर तैनात रामलखन दास (40) की डेंगू की चपेट में आने से मौत हो गई। बुधवार रात पटना में एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हुई। उनके निधन पर गुरुवार को उजियारपुर सीएचसी का ओपीडी बंद कर शोकसभा कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी। इस संबंध में सीएचसी प्रभारी डॉ. आरके सिंह ने बताया कि रामलखन दास की 3 अगस्त को अस्पताल में ही तबीयत बिगड़ने पर जांच की गयी थी। जिसमें उनका सुगर लेवल काफी बढ़ा पाया गया था। वहीं वे डेंगू पॉजीटिव भी थे। उन्होंने बताया कि सुगर लेवल 500 से अधिक था वही प्लेटलेट्स महज 10 था। जिसके बाद उन्हें तुरंत डीएमसीएच दरभंगा रेफर कर दिया गया। लेकिन परिजन उन्हें बेगूसराय ले गये। जहां निजी अस्पताल भर्ती कराया। बेगूसराय में तबीयत ठीक नहीं होने पर पटना ले गये। जहां निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान बुधवार की रात उनकी मौत हो गई। डॉ सिंह ने बताया कि रामलखन दास की पत्नी बिथान में सरकारी स्कूल में शिक्षिका है। जिससे वे भी पत्नी के साथ हसनपुर के वार्ड नंबर चार में किराये के मकान में रहते थे। वहीं से प्रतिदिन ड्यूटी करने के लिए उजियारपुर आते थे। इनदिनों हसनपुर में डेंगू का प्रकोप फैला हुआ है। उन्होंने आशंका जतायी कि हसनपुर में ही रामलखन को डेंगू की चपेट में आये होंगे। डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि रामलखन के शरीर मे डेंगू पाए जाने पर अस्पताल के सभी कर्मियों की जांच करायी गई लेकिन कोई पॉजीटिव नहीं मिला। विदित हो कि हसनपुर प्रखंड के करीब आधा दर्जन गांवों में डेंगू पसरा हुआ है। जिससे पूर्व में एक अधेड़ व एक बालक की मौत हो चुकी थी। अब स्वास्थ्य कर्मी की मौत के बाद जिले में डेंगू से मरने वालों की संख्या तीन हो चुकी है।
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