गमछे से हाथ बांध दिया, बिहार में कृषि समन्वयक को लोगों ने क्यों बनाया बंधक
वीडियो में आक्रोशित ग्रामीण वरीय अधिकारियों को बुलाने के बाद ही कृषि समन्वयक को मुक्त करने की बात कहते दिख रहे हैं। वीडियो में ग्रामीणों को यह कहते सुना जा रहा है कि अनुमंडल कृषि कार्यालय द्वारा डीजल अनुदान का आवेदन बिना जांच-पड़ताल के रद्द कर दिया जा रहा है।
समस्तीपुर जिले के रोसड़ा प्रखंड के मो. नगर पूरब पंचायत के मर्रा वार्ड नं 07 में मंगलवार को डीजल अनुदान के आवेदन की जांच करने गये कृषि समन्यवक को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। इस मामले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। हालांकि लाइव हिन्दुस्तान इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। वायरल हो रहे वीडियो में कृषि समन्वयक विजय शंकर कुमार को ग्रामीणों ने घेर रखा है और उनका हाथ भी गमछे से बंधा है।
वीडियो में आक्रोशित ग्रामीण वरीय अधिकारियों को बुलाने के बाद ही कृषि समन्वयक को मुक्त करने की बात कहते दिख रहे हैं। वीडियो में ग्रामीणों को यह कहते सुना जा रहा है कि अनुमंडल कृषि कार्यालय द्वारा डीजल अनुदान का आवेदन बिना जांच-पड़ताल के रद्द कर दिया जा रहा है। सभी इस पर रोष जता रहे थे। उनका कहना था कि आवेदन रद्द होने का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है और उन्हें आर्थिक शोषण का शिकार होना पड़ रहा है।
इधर, इस संबंध में विभागीय सूत्रों से जब जानकारी हासिल की गई तो पता चला कि तकरीबन 150 से अधिक डीजल अनुदान का आवेदन प्रखंड कृषि कार्यालय से अग्रसारित कर अनुमंडल कृषि कार्यालय को भेजा गया था। जिसमें अनुमंडल कृषि कार्यालय द्वारा महज 50 आवेदन की स्वीकृति प्रदान की गई। इन्हीं स्वीकृत आवेदनों के जांच में कृषि समन्वयक महुली पहुंचे थे। जिन्हें ग्रामीणों के आक्रोश का कोपभाजन बनना पड़ा।
वायरल वीडियो में कृषि समन्वयक यह स्वीकार भी कर रहे हैं कि किसानों का डीजल अनुदान आवेदन रद्द कर दिया गया है, जिससे किसान आक्रोशित है। हालांकि बाद में स्थानीय लोगों की मध्यस्थता व हस्तक्षेप पर किसानों ने कृषि समन्वयक को मुक्त किया। इस संबंध में अनुमंडल कृषि पदाधिकारी सुष्मिता सिंह ने बताया कि यह मामला उनकी संज्ञान में नहीं आया है। वहीं प्रखंड कृषि पदाधिकारी से उनके मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की गई। पर उन्होंने कॉल का रिस्पांस नहीं दिया गया। इधर वायरल वीडियो को लेकर चर्चा बनी रही।