Hindi Newsबिहार न्यूज़सहरसाTraditional Kanwariya Bhajan Celebrations in Bangawan A 21-Day Spiritual Journey

महादेव के भजन से गुंजायमान हो रहा बनगांव

बंगांव में कांवरिया भजन की परंपरा 1953 से चल रही है। यह भजन हर दिन अलग-अलग दरवाजों पर आयोजित किया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन इसकी शुरुआत होती है और यह 21 दिनों तक चलता है। श्रद्धालु भादौ...

Newswrap हिन्दुस्तान, सहरसाSat, 14 Sep 2024 01:36 AM
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कहरा, एक संवाददाता।गरीबक दुख देखी पीठ जे देखेबहक, ते सुनी लए बाबा हौ, जपतौ कियौ नैय तोहर नाम। देवादिदेव महादेब की भजन से गुंजायमान हो रहा प्रत्येक दिन बनगांव। बनगांव में प्रत्येक दिन शाम से देर रात तक क्रमश: अलग- अलग दरवाजे पर कांवरिया भजन आयोजित की जाती है। बतादें कि कृष्ण जन्माष्टमी मेला के दिन लक्ष्मीनाथ गोसाईं के मंदिर के बरामदे पर आयोजित कर इस कांवरिया कीर्तन की शुरुआत की जाती है। इसके बाद 21 दिन तक गांव में क्रमश: बारी -बारी से क्रमश: अलग-अलग रात भगवती स्थान परिसर एवं अन्य श्रद्धालू के दरवाजे ओर यह कांवरिया कीर्तन आयोजित की जाती है। इस क्षेत्र के अधिकांश श्रद्धालु भादौ पूर्णिमा के अवसर पर देवघर पुजा अर्चना करने जाते हैं।सुल्तानगंज से गंगाजल भरकर चौथे दिन बाबा बैद्यनाथ एवं पांचवें दिन बासुकीनाथ शिवलिंग की पूजा कर बासुकीधाम में इस कीर्तन का समापन किया जाता है। संयोजक शंकर नारायण झा के अनुसार वर्ष 1953 में कांवरिया कीर्तन का शुरुआत किया गया था। तभी से यह कीर्तन परम्परागत तरीका से प्रत्येक वर्ष आयोजित की जाती है। इसके सफलता के लिए ग्रामीण कांवरिया सक्रिय हैं।

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