Hindi Newsबिहार न्यूज़सहरसाJimutavahan Festival Celebrated with Devotion in Mithilanchal

पारण के साथ जितिया पर्व सम्पन्न

महिषी के विभिन्न गांवों में जीमूतवाहन (जिउतिया) पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। यह पर्व आश्विन कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रखकर जीमूतवाहन देव की...

Newswrap हिन्दुस्तान, सहरसाThu, 26 Sep 2024 01:00 AM
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महिषी एक संवाददाता। प्रखंड के विभिन्न गांवों में जीमूतवाहन ( जिउतिया ) पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। आश्विन कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि को मनाए जाने वाले इस पर्व के बारे में कई तरह की कहानियां कही जाती है। कई जानकारों के अनुसार इसकी शुरुआत महाभारत काल बताया जाता है। इसके अतिरिक्त चील और सियार से भी इस त्योहार की कहानी जुड़ी होने की चर्चा की जाती है। मिथिलांचल में लगभग सभी विवाहित महिलाएं जीवित्पुत्रिका नाम से जाने जाने वाले इस पर्व में निर्जला व्रत रखती है। महिला जीमूतवाहन देव का पूजन कर पुत्र प्राप्ति सहित पुत्र के दीर्घायु, स्वस्थ और कल्याण करने की कामना करती है। सोमवार को नहाय खाय के साथ शुरू इस पर्व का समापन बुधवार को 5 बजकर 5 मिनट शाम के बाद हुआ। व्रतियों के पुत्र व पुत्रियों ने व्रतियों द्वारा भरे गए डाली को खोला। डाली खुलने के बाद व्रतियों ने जीमूतवाहन देव को प्रसाद चढ़ाकर व्रत खत्म किया।

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