216 फीट के कांवर से लाए गंगाजल से बाबा मटेश्वर का होगा जलाभिषेक
सहरसा जिले के मट्टेश्वर धाम में 1 सितंबर को 216 फीट लंबे कांवर से जलाभिषेक होगा। यह यात्रा 2009 से हो रही है और इस बार का कांवर देश के 12 ज्योतिर्लिंग की आकृति के साथ सजाया गया है। कार्यक्रम में...
सिमरी बख्तियारपुर, निज संवाददाता। प्रसिद्ध ऐतिहासिक मट्टेश्वर धाम कांठो बलवाहाट में भादो मास के दूसरे रविवार यानि 1 सितंबर को 216 फीट कांवर से लाए गंगाजल से बाबा मटेश्वर का जलाभिषेक किया जाएगा। कांवर निर्माण कार्य के निर्माण तकनीकी टीम पिछले दो माह से लगें हुए हैं। 216 फीट लंबे एवं 1.5 टन वजन के कांवर निर्माण करने के बाद 1 हजार कांवरिया बम के द्वारा आगामी 1 सितंबर को बाबा मट्टेश्वर के दरबार में पहुंच कर जलाभिषेक करेंगे। इस ऐतिहासिक कांवड़ यात्रा को लेकर सहरसा जिले सहित निकटवर्ती खगड़िया, सुपौल एवं मधेपुरा के श्रद्धालुओं में उत्साह का वातावरण है। यह आयोजन जय बाबा मटेश्वर धाम डाक एवं कांवरिया संघ के सौजन्य से वर्ष 2009 से प्रतिवर्ष किया जाता रहा है। जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेकर अपने आप को धन्य मानते हैं। समिति सदस्य ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मधेपुरा के सांसद दिनेश चंद्र यादव एवं खगड़िया के सांसद राजेश वर्मा सहित अन्य वरीय अधिकारियों को आमंत्रित किया गया है।
यात्रा की शुरुआत: मालूम हो कि भाद्र मास के द्वितीय रविवार कांवड़ पदयात्रा के परंपरा की शुरुआत 2009 से शुरू हुई थी। पूर्व में बाबा मटेश्वर धाम में डाक बम की शुरुआत भाद्र मास के द्वितीय रविवार से ही हुआ था। तबसे हरेक वर्ष यह यात्रा निकाली जाती है। वर्ष 2008, 2009 एवं 2010 तीन वर्ष भव्य रथ यात्रा निकाली गई थी। जिसमें 21 सुसज्जित ट्रैक्टरों के माध्यम से 21 भगवान के प्रतिमा को बनाकर एवं 72 घंटे अखंड रामधुनि यज्ञ होते हुए मुंगेर घाट से मटेश्वर धाम पहुंच कर पूजा अर्चना एवं बाबा का जलाभिषेक किया गया था। वर्ष 2016 एवं 2017 में 54 फीट का कांवड़ यात्रा निकाली गई थी। तत्पश्चात 2018, 2019 में 162 फीट कांवड़ पदयात्रा निकाली गई। लेकिन दो वर्ष कोरोना काल के कारण यह आयोजन नहीं हो सका। पुन: 2022 एवं 2023 में 216 फीट कांवड़ पदयात्रा निकाली गई। 216 फीट कांवर 12 ज्योतिलिंग एवं इलेक्ट्रिक बल्बों से सुसज्जित कांवड़ सबसे बड़ा ऐसा कांवर यात्रा है। जिसे लगभग 1 हजार कांवड़ बम द्वारा कंधे पर उठाकर जलाभिषेक के लिए मुंगेर घाट से मटेश्वर धाम मंदिर लाया जाएगा। निर्माण समिति का दावा है कि यह विश्व का सबसे बड़ा एवं अनोखा कांवर होगा। वहीं इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड एवं लिम्का बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हों सकता है।
आयोजन समिति ने बताया भव्य कांवड़ देश के 12 ज्योतिर्लिंग के समरूप मंदिर सहित श्री रामलला जन्मभूमि मंदिर अयोध्या की आकृति इस विशालकाय कांवड़ पर उकेरी जा रही है। इस बार सबसे मुख्य आकर्षक का केंद्र प्रेम मंदिर वृंदावन हैं।
तकनीकी विशेषज्ञ लगे हैं निर्माण में: भागलपुर जिले के सुल्तानगंज के कांवड़ निर्माण विशेषज्ञ की टीम में दर्जनों कारीगरों में मुख्य रूप से शिव जी, राजा कुमार, अजय कुमार, विनय शर्मा, महाराजा सहित अन्य कारीगर पिछले दो महीने से कांवड़ निर्माण कार्य में जुटे हुए हैं। कांवड़ की सज्जा सामग्री बंगाल के कोलकाता से मंगाई गई है। वहीं कांवर के निर्माण में आने वाली लागत लाखों में बताईं जा रही है।
29 अगस्त को पहुंंचेगा मुंगेर: कांवर यात्रा की पहली रात 29 अगस्त मुंगेर घाट पहुंच कर दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन होगा। 30 अगस्त की रात मानसी के रेल मैदान में रात्रि विश्राम किया जाएगा। तत्पश्चात धनबाद के मशहूर भजन गायक शुभम भास्कर, राहुल, बिहार मनु महारानी, शंकर, मंगल सहित कोलकाता के सुप्रसिद्ध भास्कर झांकी टीम एवं कटिहार के सप्पू बैण्ड के द्वारा कार्यक्रम आयोजन किया गया है। 31अगस्त की रात सिमरी बख्तियारपुर में पड़ाव होगा। जिसमें बोलबम सेवा समिति के अध्यक्ष शंकर भगत एवं उनके टीम के नेतृत्व में देश के मशहूर भजन गायिका इशरत जहां, शुभम भास्कर, सप्पू बैण्ड एवं भास्कर झांकी टीम कोलकाता के द्वारा भव्य भक्तिमय शिव जागरण कार्यक्रम रखा गया है। 01 सितंबर (रविवार) के अंतिम पड़ाव में बाबा मटेश्वरधाम में कांवर जलाभिषेक उपरांत संध्या में 22 सौ दीपों के साथ महाआरती, श्रृंगार पूजा किया जाएगा। तत्पश्चात श्रावणी मटेश्वर महोत्सव का अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर विधिवत् महोत्सव का आगाज किया जाएगा। जिसमें सुप्रसिद्ध शिव भजन गायिका इतरत जहां कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहेगा। वहीं अन्य अन्तर प्रदेश के कलाकार शुभम भास्कर (धनबाद), शंकर रमण, सप्पू बैण्ड (कटिहार) एवं कोलकाता के झांकी टीम के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का वृहद आयोजन किया गया है।
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