नकली सोना गिरवी रख यूनियन बैंक से 20 लाख का लोन; 7 साल बाद खुला राज, 12 FIR दर्ज
बैंक प्रबंधक अखिलेश कुमार ने फर्जीवाड़े को लेकर नगर थाने में अलग-अलग 12 एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें 10 लोगों को नामजद आरोपित बनाया गया है। बैंक प्रबंधक ने एफआईआर में बैंक की ओर से गहना जांच के लिए प्राधिकृत किए गए आभूषण कारोबारी भोला प्रसाद को भी नामजद आरोपित बनाया है। सात साल पहले लोन लिए गए थे।
बिहार के मुजफ्फरपुर में नकली गहने पर बैंक से गोल्ड लोन लेने के बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। सात साल पहले गहना गिरवी रखकर लोन लिया गया था। लोन चुकता नहीं होने पर जब लॉकर से गिरवी गहने को नीलाम करने के लिए निकाला गया तो बैंक अधिकारी चौंक गए। लॉकर में रखे ये गहने नकली निकले। अलग-अलग प्रकार के धातुओं पर सोने का पानी चढ़ाया गया था। मामला अखाड़ाघाट रोड स्थित यूनियन बैंक का है। इन नकली गहनों पर 20 लाख रुपये लोन लिए गए थे।
बैंक प्रबंधक अखिलेश कुमार ने फर्जीवाड़े को लेकर नगर थाने में अलग-अलग 12 एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें 10 लोगों को नामजद आरोपित बनाया गया है। बैंक प्रबंधक ने एफआईआर में बैंक की ओर से गहना जांच के लिए प्राधिकृत किए गए आभूषण कारोबारी भोला प्रसाद को भी नामजद आरोपित बनाया है। सात साल पहले लोन लिए गए थे। कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज कर नगर थाने की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
अलग-अलग धातुओं पर चढ़ा था सोने का पानी
बैंक प्रबंधक ने नगर थानेदार को बताया है कि जब लोन लिया गया था, तब ब्रह्मपुरा के आभूषण दुकानदार कांटी निवासी भोला प्रसाद ही गहनों की जांच करते थे। तब बैंक की ओर से उन्हें प्राधिकृत किया गया था। लोन के समय भोला प्रसाद ने गहनों को ओके बताया था। इसके बाद बैंक से लोन जारी किया गया। गहनों को बैंक के लॉकर में गिरवी रख लिया गया था। जब लोनियों ने ऋण की राशि नहीं चुकाई तो उन्हें नोटिस जारी किया गया। नोटिस पर भी कोई जवाब नहीं दिया गया तब बैंक ने गिरवी गहनों को नीलाम करने के लिए लॉकर से निकाला। इस समय बैंक की ओर से हाजीपुर निवासी गहना कारोबारी रमेश कुमार को बुलाया गया। उन्होंने गहनों की जांच कर रिपोर्ट दी है कि सभी गहने नकली हैं। अलग-अलग धातुओं पर सोने का पानी चढ़ाया हुआ है।
नगर थानेदार शरत कुमार ने बताया कि गुरुवार को लोन फर्जीवाड़े की चार कांड दर्ज कराए गए। इससे पहले आठ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस तरह लोन के लिए गिरवी रखे गए नकली गहने के 12 मामलों में बैंक प्रबंधक अखिलेश कुमार के परिवाद के आधार पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
बैंक प्रबंधक की ओर से इन्हें बनाया गया आरोपित
लक्ष्मी चौक ब्रह्मपुरा निवासी पूर्णेंदू कुमार, सरैया के रेवा डीह निवासी आलोक कुमार चौधरी, कांटी कोठिया निवासी रामबहादुर सहनी, मालीघाट निवासी अरुण साह, कांटी के अहलादपुर निवासी राम कुमार, कन्हौली खादी भंडार के भरत कुमार, गायघाट के रामनगर निवासी अभिरंजन, बालूघाट की दीपा कुमारी, सदर थाना के पताहीं निवासी महेंद्र पासवान और बालूघाट के पंकज कुमार।