बेटा हारा तो बौखला गए सुरेंद्र यादव, नीतीश को ही देने लगे बेलागंज से लड़ने की चुनौती
सुरेंद्र यादव ने नीतीश कुमार को चुनौती दी है कि अगर उनमें हिम्मत है तो इस्तीफा देकर बेलागंज से चुनाव लड़ें, अगर चुनाव हार गया तो जीवन भर के लिए राजनीति से सन्यास ले लेंगे और लोकसभा की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे देंगे।
लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल(आरजेडी) के सांसद और पूर्व मंत्री सुरेंद्र यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खुली चुनौती दी है। सुरेंद्र यादव ने सीएम को लेकर अनाप शनाप शब्दों का प्रयोग करते हुए उन्हें बेलागंज से चुनाव लड़ने की चुनौती दी है। रादद नेता ने आरोप लगाया है कि बेलागंज के उपचुनाव में सरकारी तंत्र और धनबल का खुलकर उपयोग किया गया। कहा है कि नीतीश कुमार से बेलागंज में हार गया तो सांसदी से त्यागपत्र देकर राजनीति छोड़ देंगे।
बिहार में चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे 13 नवम्बर को ही निकल गए लेकिन इसके परिणाम से निकली सियासी चिनगारी की तपिश सर्द नहीं पड़ रही है। एडीए ने इंडिया गठबंधन से तीन सीटें छीन ली और जीतनराम मांझी की इमामगंज समेत सभी चार सीटों पर कब्जा कर लिया। इस उपचुनाव में राजद को बड़ा झटका लगा। 34 सालों से बेलागंज पर काबिज दिग्गज और बाहुबली सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ को जदयू की मनोरमा देवी ने हरा दिया तो जगदानंद सिंह के बेटे को रामगढ़ में बीजेपी के अशोक सिंह ने हरा दिया। बेलागंज में बेटे की हार से सुरेंद्र यादव बौखला गए हैं। उनके बिगड़े बोल वाले बयान का वीडियो वायरल हो रहा है।
वायरल वीडियो में सुरेंद्र यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती देते दिख रहे हैं जिससे बिहार की राजनीति में भूचाल आ सकता है। सुरेंद्र यादव ने नीतीश कुमार को चुनौती दी है कि अगर उनमें हिम्मत है तो इस्तीफा देकर बेलागंज से चुनाव लड़ें, अगर चुनाव हार गया तो जीवन भर के लिए राजनीति से सन्यास ले लेंगे और लोकसभा की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे देंगे। राजद नेता ने कहा कि मेरी चुनौती किसी अन्य मंत्री नहीं बल्कि सीधे सीधे नीतीश कुमार को है। कहा कि ये सारे लोग अपराध से जुड़े हुए क्रिमिनल हैं। नीतीश कुमार बीस साल से मुख्यमंत्री हैं पर जैसा चुनाव इस बार हुआ वैसा कभी नहीं हुआ।
राजद नेता ने आरोप लगाया कि उपचुनाव में सरकारी तंत्र और धनबल का जमकर उपयोग किया गया। एक छोटे कस्बा बेलागंज में भारत सरकार से लेकर बिहार सरकार तक उतर गया। प्रशासन की पूरी फौज के उतार दिया गया। ऐसा चुनाव कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज में या अटल बिहारी वाजपेयी के राज में फेयर इलेक्शन होता था। लेकिन अब तो पुलिस की गुंडागर्दी चलती है या रुपए की बरसात की जाती है। बेलागंज के चुनाव में दोनों का उपयोग किया गया।