रिलायंस कैपिटल के एमडी अनिल अंबानी ने गया में किया पिंडदान, पिता धीरूभाई के मोक्ष के लिए तर्पण
- देश के प्रसिद्ध व्यवसाई अनिल अंबानी रविवार की सुबह मोक्षधाम के विष्णुपद मंदिर पहुंचे। रिलायंस कैपिटल और रिलायंस कम्युनिकेशंस के प्रबन्ध निदेशक अनिल अंबानी के साथ पत्नी टीना अंबानी और पुत्र जय अंशुल अंबानी और अन्य परिजन भी गया आए थे।
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देश के प्रसिद्ध व्यवसाई अनिल अंबानी रविवार की सुबह मोक्षधाम के विष्णुपद मंदिर पहुंचे। रिलायंस कैपिटल और रिलायंस कम्युनिकेशंस के प्रबन्ध निदेशक अनिल अंबानी के साथ पत्नी टीना अंबानी बड़े पुत्र अनमोल अंबानी, बहू कृषा अंबानी और पुत्र जय अंशुल अंबानी और अन्य परिजन भी गया आए थे। विष्णुपद मंदिर के सभा मंडल पहुंचे। मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी ने पत्नी के साथ यहां अपने पिता धीरूभाई अंबानी समेत अन्य पूर्वजों के लिए पिंडदान किया।
अनिल अंबानी विष्णुपद मंदिर के धूप घड़ी के पास स्थित सभा मंडल पहुंचे। यहां अपने पिता , दादा और पूर्वजों के लिए पिंडदान किया। श्री अंबानी के तीर्थ पुरोहित व गयापाल और शंभू लाल बिट्ठल ने पूरे विद्यान के साथ गया श्राद्ध कराया। श्री अंबानी ने एक दिनी गया श्राद्ध के तहत विष्णुपद, फल्गु और अक्षयवट का विधान किया। सभा मंडप में बैठकर पिंडदान पूरे परिवार के साथ फल्गु नदी गए। देवघाट पर अनिल अंबानी ने फल्गु में पिंड छोड़ा। तर्पण के पितरों के मोक्ष की कामना की।
देवघाट से श्री अंबानी का काफिला विष्णुपद मंदिर के गर्भगृह पहुंचा। यहां पूरे विधान के साथ श्री विष्णुचरण पर पिंड अर्पित किया। दूध, फल और फल चढ़ाए। अनिल अंबानी और टीना अंबानी ने विष्णुचरण के बाद माता लक्ष्मी को भी नमन किया। गर्भगृह में ही श्री विष्णु प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभू लाल विट्ठल और सचिव गजाधर लाल पाठक ने श्री अंबानी परिवार को विष्णु चरण और प्रसाद भेंट किया।
पिंडदान संपन्न करने के बाद अनिल अंबानी ने तीर्थ पुरोहित की बही पर अपने और अपने पूर्वजों के बारे में लिखा। करीब दो घंटे बाद अनिल अंबानी और उनके परिजन सड़क मार्ग से रवाना हुए।
तीर्थ पुरोहित गयापाल शंभू लाल विट्ठल ने बताया कि मुकेश अंबानी ने अपनी पत्नी टीना अंबानी के साथ गया श्राद्ध। पिंडदान कर अपने पिता दादा और अन्य पूर्वजों के लिए मोक्ष की कामना की।
मां मंगलागौरी मन्दिर में की पूजा
विष्णुपद मंदिर से श्री अंबानी का काफिला शक्तिपीठ मां मंगलागौरी मन्दिर पहुंचा। यहां पूरे परिवार के मां मंगला की पूजा कर मंगल कामना की। यहां से बोधगया के लिए रवाना हो गए।
श्री अंबानी के आगमन को लेकर विष्णुपद मंदिर से लेकर बाहरी परिसर में सुरक्षा कड़ी रही। सदर एसडीओ अन्य अधिकारी और जवान तैनात रहे।
चांदचौरा से आगे से ही गाड़ियों की आवाज आई पर रोक लगी रही ।
गया का पितृपक्ष मेला भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जिसमें लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध करते हैं। यह मेला हर साल आश्विन महीने में लगता है जिसे पितृपक्ष भी कहा जाता है। यह सितंबर से अक्टूबर के बीच आता है और विशेष रूप से गया शहर में आयोजित होता है। पितृपक्ष मेले में देश के सभी राज्यों से लोग पिंडदान के लिए आते हैं। इसके अलावे विदेशों से आए श्रद्धालु भी गया में आकर अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करते हैं।
पितृपक्ष, हिंदू धर्म में पितरों की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित 16 दिनों का समय होता होता है। इसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है। पितृपक्ष में पितरों को श्रद्धा और सम्मान के साथ याद किया जाता है और उनके लिए पिंडदान, तर्पण, और ब्राह्मण भोज का आयोजन किया जाता है। गया में लगने वाला पितृपक्ष मेला विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सरकार सभी प्रकार की सुविधाओं का प्रबंध करती है।