गुड न्यूज! बिहार में नौकरी का सपना होगा पूरा, इन दो विभागों में लिपिक से लेकर लेखापाल तक की होगी नियुक्ति
बिहार में 6570 लेखापालों सह आईटी सहायक की नियुक्ति प्रक्रिया बदली जा रही है। अब नए सिरे से लेखापाल सह आईटी सहायक की बहाली होगी। पहले चयन का जिम्मा आउटसोर्सिंग एजेंसी को दिया गया था। शिकायत के बाद आउटसोर्सिंग एजेंसी को बदला जा रहा है।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने शनिवार को कहा कि उत्क्रमित विद्यालयों में 6200 लिपिकों के पद सृजित किये गए हैं। इन पदों पर शीघ्र बहाली की जाएगी। विभाग ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। 'शिक्षा की बात' कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि अन्य सभी उत्क्रमित विद्यालयों में भी लिपिकों की नियुक्ति पर विचार हो रहा है। सरकार का लक्ष्य यह है कि इन विद्यालयों में कम से कम एक लिपिक की नियुक्ति की जाए। डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि विभाग की भविष्य की योजना तो यह है कि सभी मध्य व उच्च विद्यालयों में लिपिकों की नियुक्ति की जाए। ताकि प्रधानाध्यापक और शिक्षक सिर्फ अध्ययन-अध्यापन का कार्य ही करें। अन्य कार्यों के लिए एक लिपिक हो। गौरतलब हो कि सरकारी विद्यालयों में अर्से से लिपिकों की बहाली नहीं हुई है। इसके कारण शिक्षकों को ही अध्यापन के साथ-साथ लिपिक के कार्यों की दोहरी जिम्मेदारी भी निभानी पड़ रही है।
बिहार में 6570 लेखापालों सह आईटी सहायक की नियुक्ति प्रक्रिया बदली जा रही है। अब नए सिरे से लेखापाल सह आईटी सहायक की बहाली होगी। पहले चयन का जिम्मा आउटसोर्सिंग एजेंसी को दिया गया था। शिकायत के बाद आउटसोर्सिंग एजेंसी को बदला जा रहा है। पंचायती राज विभाग ने अब चयन की जिम्मेदारी बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा (बीसीईसीई) को देने का प्रस्ताव तैयार किया है। हालांकि नियुक्ति संविदा के आधार पर ही होगी। पंचायती राज विभाग की बिहार ग्राम स्वराज योजना सोसाइटी ने अभ्यर्थियों से आवेदन लिए थे। आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के चयन की जिम्मेदारी आउटसोर्सिंग एजेंसी की थी। शैक्षणिक योग्यता बी कॉम या एम कॉम या सीए इंटर वाले 73 हजार 952 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख 9 जून थी।
जो अभ्यर्थी आवेदन कर चुके हैं, उन्हें फिर से दोबारा आवेदन देने की आवश्यकता नहीं होगी। योग्य वैसे अभ्यर्थियों को भी आवेदन का मौका देने की तैयारी है, जो पहले आवेदन नहीं कर सके थे। 6570 पदों में पुरुष के लिए 4270 पद है, जबकि महिला अभ्यर्थियों के लिए 2300 पद हैं। अभी राज्य में लगभग 1600 लेखापाल सह आईटी सहायक है। लेखापाल सह आईटी सहायक की बहाली के लिए परीक्षा में एकाउंटेट से जुड़े अधिकांश सवाल होंगे। अभ्यर्थियों का चयन कंप्यूटर आधारित परीक्षा से होगी। आवेदन के समय संविदा के आधार पर प्रति माह 20 हजार रुपए नियत मानदेय का प्रावधान किया गया था। लेकिन अब पंचायती राज विभाग इसे बढ़ा कर न्यूनतम 21 हजार और अधिकतम 25 हजार करने की तैयारी में है।
क्या काम है लेखापाल का पंचायतों के दस्तावेजों को सही प्रकार से रखरखाव करने के साथ ही योजनाओं की मॉनिटरिंग की भी जिम्मेदारी। राशि खर्च के बाद उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजने में सहयोग के साथ पंचायतों में विभिन्न कार्य प्रगति की स्थिति का भी आकलन का जिम्मा। विभागीय निर्देश का पालन करते हुए समय पर अंकेक्षण कराना सुनिश्चित करना। वित्त अयोग और अन्य माध्यम से पंचायतों को भेजी गई राशि का समुचित लेखा संधारण, अंकेक्षण की स्थिति और कचहरी के रोकड़ बही की जांच की स्थिति के साथ ही आय-व्यय की जांच करना।
केदार प्रसाद गुप्ता, पंचायती राज मंत्री, केदार प्रसाद गुप्ता ने कहा कि नए सिरे से 6570 लेखापाल सह आईटी सहायक की नियुक्ति होगी। पहले जिस आउटसोर्सिंग एजेंसी को चयन की जिम्मेदारी दी गई थी, शिकायत के बाद इसे बदला जा रहा है। अब बीसीईसीई के माध्यम चयन कराने का प्रस्ताव है। मार्च 2025 तक चयन पूरा हो जाएगा।