बख्तियारपुर-ताजपुर महासेतु के गर्डर गिरने की वजह आई सामने, डिप्टी CM विजय सिन्हा ने सब क्लीयर कर दिया
समस्तीपुर में बख्तियारपुर- ताजपुर के बीच निर्माणाधीन गंगा महासेतु के स्पैन गिरने की वजह डिप्टी सीएम विजय सिन्हा बताई। उन्होने कहा कि जंग लगी बियरिंग बदलने के दौरान गर्डर पलट गया था। ये कोई तकनीकी खामी नहीं है। बल्कि बियरिंग बदलने के दौरान घटना घटी।
समस्तीपुर में बख्तियारपुर- ताजपुर के बीच निर्माणाधीन गंगा महासेतु के स्पैन के गिरने को लेकर खड़े हो रहे सवालों के बीच उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा इसकी बताई। उन्होने कहा कि यह घटना किसी तकनीकी खामी की वजह से नहीं बल्कि बियरिंग बदलने की आरंभिक प्रक्रिया के दौरान घटी। सोमवार को विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना 2011 में प्रारंभ हुई, लेकिन परियोजना पर संवेदक द्वारा धीमी गति से काम करने तथा अन्य कारणों की वजह से एकरारनामा को 2020 में ही रद्द कर दिया गया था।
फिर आगे चलकर राज्य सरकार की पहल पर 10 जनवरी 2023 को पूरक एकरारनामा जारी कर निर्माण कार्य फिर से प्रारंभ किया गया था। संदर्भित रेलवे ऊपरी पुल का गर्डर एकरारनामा रद्द होने के पहले ही कास्ट कर दिया गया था। लेकिन डेक स्लैब कास्ट नहीं हो पाने के कारण खुले वातावरण के प्रभाव से बियरिंग में जंग लगने की बात कंडीशन सर्वे के दौरान संज्ञान में आयी थी। बीते दिनों जंग से प्रभावित बियरिंग को बदलने की प्रारंभिक कार्रवाई की जा रही थी। जिसके कारण दाहिने ओर का एक गर्डर उलट गया।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इससे यह साफ है कि यह पुल/स्पैन गिरने का मामला नहीं है। बल्कि केवल बियरिंग बदलाव के दौरान एक गर्डर के गिरने का मामला है। इसमें जान-माल की कोई क्षति नहीं हुई है। चूंकि गर्डर बियरिंग में बदलाव का आर्थिक व्यय भी संवेदक द्वारा ही किया जा रहा है। लिहाजा सरकार पर कोई अतिरिक्त आर्थिक भार भी नहीं होने जा रहा है। घटना के तुरंत बाद बीएसआरडीसी के शीर्षस्थ पदाधिकारियों द्वारा स्थल निरीक्षण भी किया गया। हम छोटी से छोटी घटनाओं को पूरी गंभीरता से लेते हुए त्वरित संज्ञान लेते हैं।
विपक्षी नेताओं के आरोप पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को एक्शन में दिखकर चंद लोगों के कलेजे पर सांप लोट रहा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव तो अपनी अकुलाहट को रोक नहीं पाए और ‘ट्विटर एक्टिविज्म’ में जुट गए। बिना किसी ठोस जानकारी के झूठी अफवाह फैलाना शुरू कर दिया। गलत तथ्य के साथ आधारहीन आरोप लगाने से पूर्व उन्हें पता करना चाहिए था कि वास्तविक स्थिति क्या है और 2020 में जो एकरारनामा रद्द हुआ था उसे कब फिर से बहाल किया गया? उस समय विभागीय मंत्री कौन था? आज उन्हें जो अनियमितता दिख रही है सत्ता सुख लेते समय कभी उसकी सुध क्यों नहीं ली?