रेपिस्ट को उम्र कैद, 5 लाख जुर्माना भी; नाबालिग बनी थी कुंवारी मां, DNA टेस्ट से हुई पुष्टि
- जनवरी 2020 को दोषी अभियुक्त छत फांद कर पीड़िता के घर में घुस गया और उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। उसके बाद शादी का झूठा झांसा देकर लगातार इस घटना को अंजाम देता रहा जिससे पीड़िता गर्भवती हो गई।
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बिहार के गया में एक नाबालिग से बार बार रेप करने के आरोपी को अंतिम सांस तक कैद और पांच लाख जुर्माने की सजा सुनाई गयी है। पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश संदीप मिश्रा ने कांड के अभियुक्त मंजूर आलम को दोषी पाया और सजा का ऐलान किया। पीड़िता को 15 लाख का मुआवजा देने का भी आदेश दिया गया है। घटना कोंच थाना इलाके के एक गांव की है।
बताया गया कि इस मामले में पीड़िता ने स्वयं प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अपनी प्राथमिकी में उसने कहा था कि जनवरी 2020 को दोषी अभियुक्त छत फांद कर पीड़िता के घर में घुस गया और उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। उसके बाद शादी का झूठा झांसा देकर लगातार इस घटना को अंजाम देता रहा जिससे पीड़िता गर्भवती हो गई और एक बच्चे को जन्म दी। बाद में आरोपी शादी से मुकर गया और बच्चे को पिता का नाम दिलाने के लिए यह लड़ाई लड़ी। अदालत ने इस मामले में अभियुक्त का डीएनए टेस्ट भी कराया था जिससे इस बात की पुष्टि भी हुई की उस बच्चे का पिता अभियुक्त ही है।
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल सात गवाहों की तथा बचाव पक्ष की ओर से पांच गवाहों की गवाही हुई। अदालत ने इस मामले में सजा के बिंदु पर दोनों पक्षो को सुनने के बाद दोषी अभियुक्त मंजूर आलम को 6 पोक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास व दो लाख रुपए का अर्थ दण्ड, धारा 376 (3) के तहत आजीवन कारावास व दो लाख रुपए जुर्माना, तथा धारा 420 के तहत सात साल की सजा व एक लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। यह सभी सजा साथ-साथ चलेंगी।
अदालत ने अपने आदेश में पीड़िता को 15 लाख रुपए मुआवजा देने का भी आदेश दिया। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पोक्सो के विशेष लोक अभियोजक सुनील कुमार और सूचक की ओर से अधिवक्ता एच आर काजमी ने अपना पक्ष रखा।