Hindi Newsबिहार न्यूज़Railway officers bribe from private company for contract tender CBI case registered

बिहार के दो रेलवे अफसरों ने घूस लेकर निजी कंपनी को दिलाया ठेका, सीबीआई में केस दर्ज

  • पूर्व मध्य रेलवे के पटना मेें कार्यरत दो अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई ने घूसखोरी का मामला दर्ज किया है। साथ ही एक निजी कंपनी के निदेशक को आरोपी बनाया गया है। बताया जा रहा है कि रेलवे अधिकारियों ने इस कंपनी को टेंडल दिलवाने में मदद की थी, जिसके बदले में उन्होंने मोटी रकम घूस के तौर पर ली थी।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान, पटनाTue, 29 Oct 2024 10:13 AM
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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बिहार के दो रेलवे अधिकारियों पर शिकंजा कसा है। पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) पटना के दो अधिकारियों के अलावा एक निजी कंपनी के निदेशक पर एफआईआर दर्ज की है। सोमवार को दर्ज की गई इस प्राथमिकी में ईसीआर के सहायक अकाउंट सलाहकार (डीएफए) निर्माण अनुराग गौरव, पटना के महेन्द्रू घाट स्थित रेल कार्यालय में तैनात अधिकारी विकास कुमार और पटना के कंकड़बाग की पीसी कॉलोनी निवासी एवं मेसर्स आनंद राज इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक अभिषेक सिंह को आरोपी बनाया गया है। दोनों रेलवे अधिकारियों पर घूस लेकर निजी कंपनी को ठेका दिलवाने का आरोप है।

इस कंपनी का निबंधित कार्यालय पटना में फतुहा के फरीदपुर मोड़ के पास है। रेलवे के दोनों अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र कर अनुचित तरीके से निजी कंपनी को लाभ पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है। इसके बदले कंपनी से इन अधिकारियों ने अवैध मोटी रकम घूस के तौर पर ली थी। गौर हो कि आनंद राज इंफ्राटेक कंपनी लिमिटेड को गलत तरीके से टेंडर दिलाने के लिए रेलवे के दोनों अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया है। अनुराग गौरव पटना में आशियाना-दीघा रोड स्थित शिवराज इंक्लेव अपार्टमेंट में रहते हैं। उनका मूल घर रांची में है।

केंद्रीय जांच एजेंसी की जांच में यह पाया गया कि आनंद राज इंफ्राटेक कंपनी मुख्य रूप से दिल्ली स्थित मेसर्स चैतन्य प्रोजेक्ट कंसल्टेंसी लिमिटेड के लिए काम करती है। यह कंपनी सर्वे, डिजाइन और विनिर्माण के क्षेत्र में सक्रिय है। यह कंपनी हाजीपुर में 15 करोड़ रुपये के एक प्रोजेक्ट में शामिल हुई थी और रेलवे के दोनों अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर गलत तरीके से इस टेंडर को लेने में सफल रही।

जांच में यह भी पाया गया कि अभिषेक कुमार सिंह ने 9 अक्टूबर को अधिकारी अनुराग गौरव से मुलाकात कर टेंडर की शर्तों को अपने मुताबिक निकलवाया। इसके लिए उन्हें मोटी रकम बतौर घूस दी गई थी। पूरी सेटिंग की बदौलत टेंडर इस कंपनी ने लिया। फिलहाल इस मामले की सघन जांच शुरू कर दी गई है। इसमें कई और लोगों के नाम सामने आने की संभावना है।

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