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बोले सहरसा : दुकान के लिए जगह कराएं उपलब्ध, दिया जाए प्रशिक्षण

सहरसा जिले में बाइक और वाहनों की मरम्मत करने वाले 5000 से अधिक मैकेनिकों की जीवनशैली दयनीय है। उन्हें न तो स्थायी दुकानें मिली हैं और न ही तकनीकी प्रशिक्षण। इस कारण उनकी आमदनी कम है और परिवार का...

Newswrap हिन्दुस्तान, पूर्णियाMon, 17 Feb 2025 10:41 PM
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बोले सहरसा : दुकान के लिए जगह कराएं उपलब्ध, दिया जाए प्रशिक्षण

बाइक व गाड़ियों को ठीक कर रोड पर दौड़ाने वाले मैकेनिकों की जिंदगी ठहरी-सी है। उनके पास ना तो स्थायी दुकान है और ना ही प्रशिक्षण की पर्याप्त व्यवस्था है। प्रशिक्षण के अभाव में नई तकनीक से वाकिफ नहीं हैं। इस कारण नई बाइक ठीक करने में भी परेशानी होती है। मैकेनिकों का कहना है कि उन्हें नगर निगम सहित अन्य जगहों पर स्थायी दुकान आवंटित की जाए, तो व्यवसाय बढ़ेगा।

12से 14 घंटे सप्ताह के सातों दिन करते हैं काम पर आय मेहनत मुताबिक नहीं

05 हजार से अधिक मैकेनिक हैं सहरसा जिले में जिन पर निर्भर है उनका परिवार

01 सौ रुपये तो कभी उससे अधिक या कभी कुछ भी नहीं कमा पाते हैं दिन भर की मेहनत में

शहर में हजारों मोटर मैकेनिकों का अपने व्यवसाय से ठीक से जीवन-यापन नहीं हो पा रहा है। हिन्दुस्तान से दर्द बयां करते मैकेनिकों ने कहा है कि शहर में कहीं एक जगह पर मोटर मैकेनिक के लिए दुकान आवंटित किया जाय। उन्होंने कहा कि अभी हमलोगों सड़क किनारे दुकान चला रहे हैं। जिससे परिवार का भी भरण-पोषण नहीं हो पा रहा है। मोटर मैकेनिक वर्षों से सुबह उठकर फुटपाथ या सड़क किनारे दुकान लगाकर कुछ कमाई कर अपने सहित बाल बच्चे परिवार का भरण पोषण करते हंै। सरकारी स्तर पर कोई सहायता नहीं मिलने के कारण हमलोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्राहक आते हैं तो काम मिलता है। जिस दिन ग्राहक नहीं आते हैं। उस दिन काम नहीं मिल पाता है। ऐसे में कई दिन खाली हाथ वापस जाना पड़ता है। अच्छी आमदनी नहीं होने के कारण परिवार चलाना मुश्किल हो जाता है। बच्चे को सही शिक्षा नहीं दे पाते। ऐसे में बच्चे का भी भविष्य अंधकारमय बना हुआ है। घर में यदि कोई बीमार हो जाता है तो इलाज तक नहीं करा पाते हैं। धूप बरसात ठंड में काम कर जीवन यापन को मजबूर हो रहे हैं। सरकार या विभाग द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है। शहरी क्षेत्र में पूरब बाजार, हटिया गाछी, सुभाष चौक, मीर टोला, वीर कुंवर सिंह चौक, तिवारी टोला सहित अन्य जगहों पर मोटर मैकेनिक सुबह से ही ग्राहकों के इंतजार में टकटकी लगाए रहते हैं। सरकार द्वारा नई तकनीकों की जानकारी के लिए प्रशिक्षण नहीं दिया जा रहा है।

शहर से लेकर गांव तक मोटर मैकेनिक की हालात दयनीय बनी है। अपने गांव घर या शहर में अच्छी कमाई नहीं होने के कारण मोटर मैकेनिक अन्य प्रदेश कमाई के लिए घर परिवार को छोड़कर पलायन करने को मजबूर हो जाते हैं। अन्य प्रदेश में काम करने के कारण यदि घर द्वार में कभी कोई घटना दुर्घटना हो जाती है तो सही समय पर अपने घर नहीं पहुंच पाते। राज्य सरकार यदि ध्यान देगी तो हमारा परिवार भी चल सकेगा।

रोजगार को बढ़ावा देने के लिए दे अनुदान: सैकड़ों मोटर मैकेनिक द्वारा बताया गया कि सरकार हमलोगों के रोजगार के बढ़ावा देने के लिए अनुदान उपलब्ध कराए। इससे हमलोगो के रोजगार में बढ़ोतरी होगी। अपने रोजगार को बढ़ाकर जीवन यापन करने लायक कमा सकेंगे। उन्होंने कहा कि अच्छी आमदनी होने से परिवार का भरण पोषण सही से हो पाएगा। हमारे भी बच्चे को भी सही शिक्षा मिल सकेगी। समाज में सही से जीवन यापन कर सकेंगे।

प्रशिक्षण देने से ठीक से कर सकेंगे काम : मैकेनिकों ने कहा कि विभाग या सरकार द्वारा हम लोगों को मोटर मैकेनिक का प्रशिक्षण कभी नहीं दिया गया है। इस कारण नई तकनीक की जानकारी नहीं मिल पाती है। ऐसे में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। नई मोटर तकनीक को लेकर यदि प्रशिक्षण देंगे तो हम लोगों को काम करने में परेशानी नहीं होगी साथ ही इससे अधिक आमदनी होगी। नई तकनीक से बने वाहन भी ठीक कर सकेंगे तो हमारा व्यवसाय मंदा नहीं होगा।

दुकान खोलने के लिए जगह कराएं उपलब्ध

मोटर मैकेनिकों ने बताया कि अपनी जमीन नहीं है कि उसमे अपनी दुकान खोल सकें । ऐसे में फुटपाथ पर दुकान चलाना मुश्किल हो जाता है। सरकार हमलोगों को शहर में कही एक जगह पर दुकान खोलने के लिए मार्केट बना दे ताकि हमलोग सही से काम करके अच्छी कमाई करते हुए जीवन चला सकें। प्रशासन से उन्होंने मैकेनिक मार्केट बनाने की मांग की है। नई बाइक को लेकर यदि मोटर मैकेनिक का प्रशिक्षण देंगे तो हम लोगों को काम करने में परेशानी नहीं होगी साथ ही इससे अधिक आमदनी होगी।

शिकायतें

1. सड़क पर दुकान लगा जीवन यापन करने को मजबूर हैं।

2. अच्छी कमाई नहीं होने से मैकेनिकों को अपना परिवार चलना मुश्किल हो रहा है।

3. आय कम रहने से अपने बच्चे को शिक्षा नहीं दे पाते हैं।

4. सरकार या प्रशासन द्वारा किसी प्रकार का तकनीकी प्रशिक्षण नहीं दिया गया है।

सुझाव

1. मोटर मैकेनिकों को दुकान खोलने के लिए मार्केट बने।

2. सरकार मैकेनिकों को रोजगार में बढ़ावा देने के लिए अनुदान उपलब्ध कराए।

3. सरकार मैकेनिकों के बच्चों को ठीक से शिक्षा मिले, इसकी व्यवस्था करें।

4. मोटर मैकेनिक को नई तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाए।

सुनें हमारी बात

अपनी दुकान नहीं रहने कारण आय कम होती है जिससे जीविकापोर्जन मुश्किल है।

लक्ष्मण मिस्त्री

सरकार हमारे लिए कुछ अच्छा सोचे जिससे हमलोगों का परिवार भी खुशहाल रहे।

शंकर सिंह

मोटर मैकेनिक को प्रशिक्षण दिलाया जाए। ताकि नई बाइक ठीक कर सकें।

रुस्तम

मोटर मैकेनिक को नई तकनीकी का प्रशिक्षण दिया जाए। इससे हमारी आय बढ़ेगी।

मो सद्दाम

प्रत्येक दिन ग्राहक नहीं आते हैं। जिस कारण कई दिन वापस खाली हाथ वापस होते हैं।

मनीष

परिवार को ठीक से चलाने के लिए सरकार रोजगार को बढ़ावा दें।

अमित चन्द्र दास

जितनी कमाई होता है, उससे परिवार नहीं चला पा रहे हैं परेशानी का बनी हुई है।

गौतम

हमलोगों को आमदनी बढ़ाने के लिए अनुदान उपलब्ध कराए इससे लाभ मिलेगा।

पंकज

कोई जनप्रतिनिधि हमलोगों और हमारे परिवार के उत्थान पर ध्यान नहीं देते हैं।

मो. प्यारे

सरकार हमलोगों को मार्केट उपलब्ध कराए ताकि सही से जीवन यापन चल सके।

बलराम

जिला प्रशासन के सहयोग से हमलोगों के आय पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

मो मूसा

सरकार द्वारा हम मोटर मैकेनिकों को जीवन बीमा का लाभ दिया जाए।

सोनामनि सिंह

अपनी दुकान नहीं रहने के कारण बाहर पलायन करने को मजबूर हो जाते हैं।

कुंदन कुमार

सही आमदनी नहीं होने से परिवार में बीमार लोगों को इलाज नहीं करवा पाते हैं।

मो बबलू

जनप्रतिनिधि सिर्फ चुनाव के समय भरोसा देते हैं। हमारी समस्या का समाधान करें।

रंजीत शर्मा

बोले जिम्मेदार

टू व्हीलर मैकेनिक के प्रशिक्षण हेतु 30 दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। प्रशिक्षण के बाद उनको रोजगार में बढ़ावा देने के लिए बैंक से ऋण उपलब्ध कराया जाता है। ताकि वो लोग भी अधिक आमदनी कर अपने परिवार का भरण पोषण सही से कर सकें। सरकार के निर्देशानुसार बैंक मैकेनिकों की सहायता को तत्पर है। उन्हें लाभ उठाना चाहिए।

-उमेश पासवान, एसबीआई ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान डायरेक्टर।

मैकेनिक अगर स्ट्रीट वेंडर में आएंगे तो उन्हें लाभ दिया जाएगा। अगर उसमें नहीं आएंगे तो अलग से विकल्प देखा जाएगा। मैकेनिक की समस्या का नगर निगम अपने स्तर से समाधान का प्रयास करेगा। उन्हें बेहतर सुविधा देने का प्रयास किया जाएगा ताकि उनका व्यवसाय भी ठीक से चल सके।

-अनुभूति श्रीवास्तव, नगर निगम आयुक्त, सहरसा

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