शराबबंदी नीतीश का ढकोसला: पीके
-फोटो : 1: पूर्णिया, हिंदुस्तान संवाददाता। शराबबंदी नीतीश सरकार का ढकोसला है। इसकी क्या स्थिति है यह सबको पता है। उक्त बातें हैं प्रशांत किशोर की। ज
पूर्णिया, हिंदुस्तान संवाददाता। शराबबंदी नीतीश सरकार का ढकोसला है। इसकी क्या स्थिति है यह सबको पता है। उक्त बातें हैं प्रशांत किशोर की। जन सुराज सूत्रधार एवं चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पूर्णिया में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। शराबबंदी का मसला एक पत्रकार के सवाल जवाब में उठ गया। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि लोगों के पास कोई विकल्प नहीं होने के कारण या तो लालू प्रसाद को चुनते हैं या फिर नीतीश को चुनते हैं। ऐसी स्थिति में लोग शराबबंदी जैसे कानून के हश्र का विरोध नहीं कर पाते। उन्होंने कहा कि दो अक्टूबर को उनके पार्टी जन सुराज का गठन हो रहा है। इसके बाद उनकी पार्टी पंचायत स्तर तक जाएगी। अगली बार जब आएंगे तो पूर्णिया में एक पखवाड़ा समय देंगे और जन जागरूकता फैलाएंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में जन सुराज एक तीसरा विकल्प है। यह विकल्प लोगों की जेहन में काफी तेजी से उभरा है। उनकी पार्टी में तमाम जाति धर्म के लोगों के लिए जगह होगी। उन्होंने कहा कि आसन्न चुनाव में जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी होगी। उन्होंने स्पष्ट लहजे में कहा कि विधानसभा में जिस जाति समाज की बहुलता अधिक होगी उसे मौका दिया जाएगा। पिछले दो-तीन दशक से लोगों को क्या मिला? उन्होंने कहा कुछ लोग वहम फैला रहे हैं कि जनसुराज भाजपा की बी टीम है। जनसुराज न तो एनडीए की बी टीम है और ना ही इंडिया की। जनसुराज जनता की बी टीम है। पार्टी के गठन हो जाने के बाद आने वाले समय में बिहार के सभी विधानसभा सीटों पर अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगे।
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