Hindi Newsबिहार न्यूज़पूर्णियाPolice Challenge Smack Trade in Seemanchal Escalates IG Develops Strategy

पुलिस को रोज चुनौती दे रहे हैं स्मैकर्स

-सीमांचल में स्मैक के कारोबार पर प्रहार की आईजी की तैयारी पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। सीमांचल में स्मैकर्स रोज पुलिस को चुनौती दे रहे हैं। स्मैक

Newswrap हिन्दुस्तान, पूर्णियाThu, 12 Sep 2024 12:47 AM
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पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। सीमांचल में स्मैकर्स रोज पुलिस को चुनौती दे रहे हैं। स्मैक के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए नव पदस्थापित आईजी शिवदीप वामनराव लांडे स्ट्रेटजी तैयार करने में जुटे हुए हैं। अब तक किशनगंज एवं कटिहार जिलों के एसपी के साथ मीटिंग कर उन्होंने जानकारियां इकट्ठी की है। उन्होंने बताया कि सीमांचल में बंगाल के रास्ते स्मैक पहुंच रहा है। खासकर बंगाल का मालदा जिला स्मैक कारोबार का हब है। इसका कारोबार चार लेयरों में हो रहा है। सीमांचल की पुलिस छोटे- मोटे कारोबारी तक पहुंच पा रही है। जबकि बड़े कारोबारी बच जा रहे हैं। इसके पीछे अन्तर्राज्यीय सीमा एक बड़ी वजह है। इसपर काम करने के लिए चारों जिलों के एसपी के साथ मीटिंग की जाएगी।

-समाज को जागरूक होने की जरूरत:

-सीमांचल में स्मैक के कारोबार ने इस कदर पैर पसार लिया है, जिसपर अंकुश पाना अकेले पुलिस के बूते के बाहर है। मसलन समाज को इसके प्रति जागरूक होने की जरूरत है। आईजी ने कहा कि स्मैक पीने वाले युवकों को अपराध करने का अनुभव नहीं होता है। इसलिए अपराध का मौजूदा ट्रेंड ज्यादा खतरनाक हैं। समाज में ज्यादातर अपराध स्मैक पीने वाले कर रहे हैं। मसलन अभिभावकों को अपने बच्चों के बर्ताव हो रहे बदलाव पर ध्यान देना आवश्यक है। समय पर इन सब बातों पर ध्यान देने से बच्चों को इसका आदी होने से बचाया जा सकता है। उन्होंने समाज में हो रहे स्मैक के कारोबार की जानकरी पुलिस को देने की अपील की है।

-पुलिस को चुनौती दे रहे स्मैकर्स:

-समाज में बढ़ चले स्मैक के ट्रेंड ने सबके माथे पर चिन्ता की लकीरें खींच दी है। पुलिस के लिए स्मैकर्स चुनौती बने हुए हैं। शहर की ही बात करें तो अमूमन हर रोज चोरी करते स्मैकर्स जेल जा रहे हैं। बावजूद अपनी हरकतों से वे बाज नहीं आ रहे हैं। रात को कौन पूछे अब तो दिन के उजाले में छोटी- मोटी चोरी की वारदातें घटित हो रही हैं। हाल के दिनों में मरंगा जाने वाली सड़क के समीप एक अधिकारी के किराए के घर में चोरी की घटना को अंजाम दिया गया। स्मैकर्स से स्कूल- कालेज में पढ़ने वाले छात्र- छात्राएं भी परेशान हैं। ग्रामीण इलाकों में छात्र- छात्राओं की साइकिल चोरी की घटना में इजाफा हुआ है। इन सबके पीछे युवाओं में स्मैक की बढ़ी लत है।

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