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सीमांचल में चोरी, लूट एवं छिनतई में पूर्णिया अव्वल

हिन्दुस्तान पड़ताल : पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। सीमांचल के चार जिलों में चोरी, लूट एवं छिनतई की सबसे अधिक घटना पूर्णिया में दर्ज हो रही है। एक र

Newswrap हिन्दुस्तान, पूर्णियाSat, 10 Aug 2024 12:54 AM
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पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। सीमांचल के चार जिलों में चोरी, लूट एवं छिनतई की सबसे अधिक घटना पूर्णिया में दर्ज हो रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पूर्णिया में औसतन हर माह ऐसी सात से आठ घटनाएं घट रही हैं, जबकि बाकी के जिलों में घटित घटनाओं का औसत रिकार्ड चार से पांच प्रति माह है। ऐसा नहीं है कि बाकी के जिलों के अनुपात में यहां की पुलिसिंग कमजोर है। पुलिसिंग के मामले में कमोबेश एक ही स्थिति है। पूर्णिया में अपराध के ग्राफ बढ़ने में यहां की भौगोलिक स्थिति काफी हद तक जिम्मेदार है, जिस पर पुलिस को गंभीरता से काम करने की जरूरत है। गौर फरमाने वाली बात है कि मधेपुरा एवं अररिया के गैंग बनमनखी एवं जानकीनगर तांडव कर रहे हैं तो बायसी एवं जलालगढ़ में अररिया के गिरोह की सक्रियता बढ़ी है। उसी प्रकार रघुवंश नगर के रास्ते मधेपुरा के अपराधी उस इलाके में अपनी पैठ बना रहे हैं। कटिहार के कोढ़ा गैंग ने तो जिले में अपना पैर फैला लिया है।

पुलिस का खेल बिगाड़ रहा है भूगोल: अपराध नियंत्रण में पूर्णिया की भौगोलिक स्थिति पुलिस का खेल बिगाड़ रही है। वरना जिले के कई अपराधियों को तो पुलिस ने सलाखों के पीछे धकेल दिया है। जिले के अंदर के जो भी अपराधी जमानत पर बाहर हैं, उनपर पुलिस की वक्र दृष्टि पड़ी हुई है। हाल में चोरी, लूट एवं छिनतई की घटित घटनाओं में अधिकांश मामलों में कटिहार, मधेपुरा, सुपौल एवं अररिया के गिरोह के हाथ सामने आए हैं। कुछ मामलों में नवगछिया गैंग के बदमाश घटना को अंजाम देने में सफल रहे हैं। पूर्णिया में प्रवेश एवं यहां से भागने में अपराधी कट रूटों का सहारा ले रहे हैं। शहर के लाइन बाजार स्थित तनिष्क लूटकांड का इसका हालिया उदाहरण बना है।

अन्तर्जिला रूटों पर कड़े पहरेदारी की जरूरत: जिन रास्तों से दूसरे जिले अपराधी पूर्णिया में प्रवेश कर अपराध को अंजाम देते हैं, वहां खास चौकसी की जरूरत है। बताया जा रहा है कि जिले के मरंगा, बायसी, जलालगढ़, जानकीनगर, बनमनखी, रघुवंशनगर, बीकोठी, भवानीपुर, टिकापट्टी एवं मोहनपुर, मुफस्सिल आदि थानों में कुल 25- 30 रास्ते ऐसे हैं, जो अन्तर्जिला सीमा तक जाते हैं। जिसका लाभ अपराधी अपराध कर भागने में ले जा रहे हैं। इनमें कुछ जगहों पर तो स्थायी चेकपोस्ट बना दिए गए हैं, परन्तु बाकी के हिस्सों में नियमित वाहन चेकिंग तक नहीं हो रहा है। जबकि इन रास्तों 24×7 घंटे केवल वाहन चेकिंग किए जाय तो पूर्णिया में अपराध पर काफी हद तक अंकुश लग सकता है।

यह बोले अधिकारी: अन्तर्जिला रूटों पर पुलिस की चौकसी बरती जा रही है। वाहन चेकिंग भी नियमित हो रहा है। पूर्णिया से सटे जिलो के एसपी को भी इस बावत निर्देश दिए गए हैं।

-विकास कुमार, डीआईजी, पूर्णिया रेंज

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