Hindi Newsबिहार न्यूज़पूर्णियाCelebration of Teej and Chauth Chandra Rituals and Market Buzz in Jalalgarh

तीज और चौठचंद पूजन को ले भक्ति का माहौल

-फोटो : पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। तीज और चौठचंद पर्व को लेकर गुरुवार को व्रतियों ने नहाय खाय किया। इसके साथ व्रतियों ने पूजन पाठ की तैयारी शुरु

Newswrap हिन्दुस्तान, पूर्णियाFri, 6 Sep 2024 01:59 AM
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पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। तीज और चौठचंद पर्व को लेकर गुरुवार को व्रतियों ने नहाय खाय किया। इसके साथ व्रतियों ने पूजन पाठ की तैयारी शुरु कर दी। मां पूरणदेवी मंदिर के मुख्य पंडित सुबोध मिश्र ने बताया कि गुरुवार को व्रतियों ने नहाय खाय की और इसी के साथ पूजन में जुट गई। शुक्रवार को उपवास के बाद देर शाम पूजन पाठ करेंगी। उन्होंने बताया की तीज पर्व की मान्यता है कि व्रती अपने सुहाग की दीर्घायु के लिए यह पर्व करती हैं जबकि चौरचंद पर्व में व्रती अपने संतान की सुख-समृद्धि के लिए पूजन करती हैं। इधर,इस पर्व को लेकर बाजारों में चहल पहल रही। शहर के दुकानों में तीज और चौरचंद पर्व को लेकर पूजन सामग्री के खरीददारी के लिए भीड़ रही। पूरे बाजार में चहल पहल की स्थिति रही। इस पूजन को लेकर शहर के भट्टा बाजार, मधुबनी बाजार, आरएन साह चौक, लखन चौक, पॉलिटेक्निक चौक, विकास बाजार, नगर पालिका मार्केट, बहुमंजिला बाजार आदि में पूजन का बाजार सजा रहा।

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...बाजार में जमकर हुई खरीददारी :

जलालगढ़। हिंदुओं का मुख्य त्योहार तीज और चौठ चंद को लेकर जलालगढ़ बाजार में सामान खरीदने के लिए महिलाओं की भीड़ काफी देखने को मिली। पर्व को लेकर मिट्टी का बर्तन, फल की दुकानों में , पूजा सामग्री के दुकानों में भीड़ काफी रही। गुरुवार को दिन में जाललगढ़ बाजार में भीड़ इतनी अधिक थी कि पैदल चलना भी मुश्किल था। महिलाएं पर्व की अन्य सामान भी खरीद के देखी गई। पंडित शिवा पांडे ने बताया कि तीज और चौठ चंद पर्व का मुख्य उद्देश्य महिलाओं द्वारा पति की लंबी आयु की कामना के लिए पूजा की जाती है। शिप्रा कुमारी, प्रियंका , पिंकी राय, चंदन देवी ने बताया कि यह पर्व सुहागन मनाती हैं। इस पर्व में 24 घंटा उपवास रहकर जिसमें पानी भी नहीं पीना है पति के लंबी आयु की ईश्वर से प्रार्थना करती हैं।

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...भागवत कथा का समापन :

जलालगढ़, एक संवाददाता।

भागवत कथा महापुराण कथा के अंतिम दिन प्रवचन करते वृंदावन से ही स्वामी दिनेशनंद जी महाराज ने कहा कि जीवन में कर्म और धर्म के बारे में बताते हुए कहा कि इनका पालन करने से ही जीवन सार्थक होता है। सेवा का अर्थ समझाते हुए उन्होंने कहा कि सेवा कर्म और धर्म से ही परमात्मा को पाया जा सकता है। भक्ति के मार्ग में प्रभु के आध्यात्मिक में मोह माया त्याग कर ही हमें परमात्मा मिल सकता है। स्वामी दिनेशा नंद जी ने बताया कि भागवत पुराण हिंदुओं के आठ पुराणों में एक है। कार्यक्रम को सफल बनाने में पुनीत दुबे, इंद्रदेव नोनिया, योगेंद्र ठाकुर, कुंदन कुणाल रंजीत चौधरी, कामेश्वर जमादार, विनोद मंडल, जजमान कुंदन ठाकुर, जयकांत मंडल प्रीतम ठाकुर , संतोष चौहान नंदन ठाकुर आदि का पूरा सहयोग रहा।

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