प्रशांत किशोर की वैनिटी वैन का पुर्जा-पुर्जा खंगाल रहा प्रशासन, अब FSL निकालेगी कुंडली
पटना जिला प्रशासन को प्रशांत किशोर की वैनिटी वैन में कई तरह की गड़बड़ी मिली है। इसके चेसिस नंबर की एफएसएल से जांच कराई जाएगी। इसके साथ ही गाड़ी के रोड टैक्स और कीमत के बारे में भी जानकारी नहीं मिल पाई है।
बीपीएससी परीक्षा मामले पर अनशन कर रहे जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर की लग्जरी वैनिटी वैन इन दिनों खासी चर्चा में हैं। पीके को बीते सोमवार गिरफ्तार करने के बाद पटना के गांधी मैदान से उनकी वैनिटी वैन को भी पुलिस ने जब्त किया था। प्रशांत किशोर को तो उसी दिन जमानत मिल गई लेकिन पटना जिला प्रशासन उस गाड़ी का पुर्जा-पुर्जा खंगाल रहा है। जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) को शुरुआती जांच में वैनिटी वैन के चेसिस में गड़बड़ी मिली है। अब इसकी फॉरेंसिक टीम से जांच कराई जाएगी।
प्रशासन ने दावा किया है कि जब्त वैनिटी वैन का रजिस्ट्रेशन पंजाब के संगरूर का है। इसे 6 जून 2011 को खरीदा गया था और 28 नवंबर 2017 को रजिस्ट्रेशन कराया गया था। इसके रोड टैक्स, डायमेंशन और यहां तक की खरीद की कीमत भी ऑनलाइन नहीं दर्शाई गई है। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अगर वाहन मालिक ने अपने गृह राज्य के बाहर से कोई गाड़ी खरीदी है तो उसकी सूचना संबंधित आरटीओ या डीटीओ को देना जरूरी होता है। मगर वैनिटी वैन के मालिक ने इसकी सूचना नहीं दी।त कि
पटना के एडिशनल डीटीओ पिंकू कुमार द्वारा जिला परिवहन पदाधिकारी को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया कि वैनिटी वैन के चेसिस नंबर से छेड़छाड़ की आशंका है। इसके लिए एफएसएल टीम से जांच कराई जाए, ताकि इसका असली चेसिस नंबर पता चल सके। उन्होंने कहा कि गाड़ी के रजिस्ट्र्रेशन के दौरान इसे व्यक्तिगत उपयोग के लिए दिखाया गया था, जबकि इसका इस्तेमाल व्यवसायिक रूप में किया जा रहा था।
वैनिटी वैन का ड्राइवर अवधेश पासवान पूर्णिया का रहने वाला है। प्रशासन को वह अपना ड्राइविंग लाइसेंस नहीं दिखा सका। ड्राइवर ने बताया कि यह वैनिटी वैन प्रशांत किशोर को पप्पू सिंह ने इस्तेमाल करने के लिए दो साल पहले दी थी। पप्पू सिंह पूर्णिया से 2004 और 2005 में बीजेपी के सांसद रह चुके हैं। 2019 में वे बीजेपी छोड़ कांग्रेस में चले गए थे।