Hindi Newsबिहार न्यूज़Prashant Kishor targets Chirag after Tejashwi by naming a dalit leader Manoj Bharti as Jan Suraaj Acting President

तेजस्वी के बाद निशाने पर आए चिराग, प्रशांत किशोर ने मनोज भारती को नेता बनाकर चला दलित कार्ड

  • जन सुराज अभियान की पदयात्रा के दौरान लालू यादव और तेजस्वी यादव पर सबसे ज्यादा हमले करने वाले प्रशांत किशोर ने अब बिहार में दलितों के सबसे बड़े चेहरे चिराग पासवान को निशाने पर ले लिया है। जन सुराज पार्टी का पहला नेता और कार्यकारी अध्यक्ष मनोज भारती को बनाकर प्रशांत ने दलित कार्ड चल दिया है।

Ritesh Verma लाइव हिन्दुस्तान, पटनाWed, 2 Oct 2024 07:38 PM
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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में जन सुराज पार्टी नाम से एक और दल मैदान में आ गया है। चुनाव रणनीतिकार से पदयात्री बने प्रशांत किशोर द्वारा रची-बुनी गई इस पार्टी का पहला नेता और कार्यकारी अध्यक्ष मधुबनी के मनोज भारती को बनाया गया है जो भारतीय विदेश सेवा के पूर्व अफसर हैं। दलित समुदाय के मनोज भारती को जन सुराज पार्टी का नेता बनाकर प्रशांत ने संकेत दे दिया है कि लालू यादव, तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार के बाद उनका अगला टारगेट चिराग पासवान हैं जो राज्य में दलितों के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं। प्रशांत की पार्टी 2025 में असेंबली चुनाव के फाइनल से पहले नवंबर में विधानसभा की चार सीटों के उप-चुनाव में सेमीफाइल लड़ेगी और पीके के मुताबिक बाकी पार्टियों को दिखाएगी कि कैसे लड़ा और जीता जाता है।

महागठबंधन सरकार के दौरान नीतीश कुमार की सरकार द्वारा कराए गए जाति सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में 36.01 परसेंट अति पिछड़ा, 27.12 फीसदी अन्य पिछड़ा, 19.65 परसेंट दलित, 15.52 फीसदी सवर्ण और 1.68 परसेंट आदिवासी हैं। रामविलास पासवान के जमाने से दलितों के एक बड़े तबके का वोट उनके परिवार के साथ रहा है। वोटिंग पैटर्न और मिले वोट की व्याख्या के आधार पर माना जाता रहा है कि चिराग पासवान के साथ 6 परसेंट वोट है जो वो अपने साथ लेकर चलते हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में 5 सीट लड़ी चिराग की पार्टी लोजपा-रामविलास को 6.47 परसेंट वोट मिला है। 2020 में जब चिराग की पुरानी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) अकेले ही लड़ गई थी तब 135 सीटों के चुनाव में ही उसे 5.66 फीसदी वोट मिल गया था।

जन सुराज पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बने मनोज भारती, प्रशांत किशोर का ऐलान- मार्च में नए अध्यक्ष का चुनाव होगा

प्रशांत किशोर की दो साल से चल रही पदयात्रा में मुसलमान तबके के अंदर जन सुराज को लेकर दिलचस्पी दिखी है। दो साल से जन सुराज के बैनर-पोस्टर पर सिर्फ महात्मा गांधी और चरखा को लेकर चल रहे प्रशांत किशोर ने पार्टी की स्थापना के मौके पर कहा कि जन सुराज पार्टी के झंडे में महात्मा गांधी और भीमराव आंबेडकर की फोटो के इस्तेमाल के लिए वो चुनाव आयोग से आग्रह करेंगे। दो साल महात्मा गांधी और चरखा लेकर घूमने के बाद प्रशांत किशोर को समझ आ गया है कि 2025 में जीत हासिल करने के लिए दलितों का साथ बहुत जरूरी है।

जानिए कौन हैं मनोज भारती जिनको प्रशांत किशोर ने बनाया जन सुराज पार्टी का पहला कार्यकारी अध्यक्ष

मनोज भारती को जन सुराज पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाना और झंडे में आंबेडकर को गांधी के साथ बिठाने की योजना राज्य के 19 परसेंट से ज्यादा दलित वोटरों को अपनी ओर खींचने की एक रणनीति है। अनुसूचित जाति के आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सहयोगी चिराग पासवान और जीतनराम मांझी फायदे पर झगड़ रहे हैं। चिराग एससी आरक्षण को भेदभाव और छुआछूत से जोड़कर देख रहे हैं तो मांझी ये गिना रहे हैं कि 70 साल से एससी की चार जाति ही आरक्षण की मलाई खा रही है।

दो साल से गांधी पर सवार प्रशांत किशोर को आंबेडकर की दरकार; जन सुराज पार्टी के झंडे में दोनों होंगे

इससे ये साफ है कि बिहार में दलितों के बीच विधानसभा चुनाव में तालमेल बिगड़ेगा। दलितों की राजनीति में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आई इस आपदा को दलित को नेता और झंडे में आंबेडकर की फोटो लगाकर प्रशांत अवसर में बदलने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें पीके या मार्च तक के लिए कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए मनोज भारती को कितनी कामयाबी मिलती है, उसका नमूना नवंबर में संभावित विधानसभा उप-चुनाव से मिल जाएगा।

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