Notification Icon
Hindi Newsबिहार न्यूज़Prashant Kishor claims Bihar Land Survey will create family disputes legal cases final nail in Nitish Govt coffin

नीतीश के जमीन सर्वे से घर-घर में झगड़े-मुकदमे होंगे, JDU वालों को दौड़ाकर पीटेंगे लोग: प्रशांत किशोर

  • जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि नीतीश सरकार का जमीन सर्वे घर-घर में झगड़े और मुकदमे करवाएगा। बिहार में एक तिहाई जमीन पहले से विवादित है। लैंड सर्वे से जो बखेड़ा होगा उससे दो तिहाई जमीन विवादित हो जाएंगे। पीके ने कहा कि जमीन सर्वे नीतीश सरकार की ताबूत में आखिरी कील साबित होगी।

Ritesh Verma लाइव हिन्दुस्तान, पटनाTue, 3 Sep 2024 03:23 PM
share Share

जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि बिहार में नीतीश कुमार की सरकार जमीन का जो सर्वे करवा रही है उससे ऐसा बखेड़ा खड़ा होगा कि घर-घर में झगड़ा और मुकदमा होगा। पीके के नाम से मशहूर चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार लैंड सर्वे नीतीश कुमार की सरकार के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी। उन्होंने कहा कि नियति जाते-जाते ऐसा काम करा देगा कि समाज झाड़ू मारकर भगाएगा। छह महीने में ये बिहार के समाज की सबसे बड़ी समस्या होगी। सबकी जमीन में विवाद होना है और जैसे ही विवाद खड़ा होगा, लोग जेडीयू के लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटेंगे। प्रशांत एक समय नीतीश के करीबी, जेडीयू उपाध्यक्ष और पार्टी के नंबर 2 थे लेकिन सीएए के मसले पर मुखर होने पर उन्हें पार्टी ने निकाल दिया था। तब नीतीश ने कहा था कि अमित शाह ने पीके को जेडीयू में लेने कहा था।

प्रशांत किशोर ने आरा में जन सुराज के एक कार्यक्रम में जमीन सर्वे पर काफी विस्तार से बात की और कहा कि बिहार में पहले से एक तिहाई जमीन विवादित थे। इस जमीन सर्वे से इतना बखेड़ा होगा कि विवादित जमीन बढ़कर दो तिहाई हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि बोतल से जिन्न निकाला जा रहा है लेकिन सरकार को पता नहीं है कि उसको वापस बोतल में डालेंगे कैसे। नीतीश कुमार को पता ही नहीं है कि ये ऐसा जिन्न है जो खत्म नहीं होगा। बिहार में एक तिहाई जमीन के मालिक का पता ही नहीं है। सर्वे ऐसा बखेड़ा करेगा कि 60-70 परसेंट जमीन विवादित हो जाएगी।

Bihar Land Survey: वंशावली में शपथ-पत्र अनिवार्य नहीं, डेथ सर्टिफिकेट लगाना भी जरूरी नहीं

प्रशांत ने दावा किया कि इस सर्वे से परिवार में आपस में लड़ाई-झगड़ा, केस-मुकदमा तुरंत शुरू होना है। उन्होंने कहा कि 18 साल से नीतीश के दिमाग में ये सर्वे नहीं आया। नीतीश सरकार के जाने का ऊपर वाले ने बहाना कर दिया है। बिहार में और कुछ हो ना हो, जमीन को लेकर बहुत संवेदनशील हैं लोग। जैसे ही विवाद खड़ा होगा तो दौड़ा-दौड़ा के लोग मारेगा जेडीयू के लोगों को। सबकी जमीन में विवाद होना है। जो नीतीश भूमि सुधार के लिए 18 साल में कोई प्रयास नहीं किए वो अंतिम घड़ी में बड़ा बखेड़ा शुरू कर दिए हैं। ये उनके ताबूत में आखिरी कील होगा। समाज के लिए परेशानी होगी लेकिन हमारे कहने से रोकेंगे नहीं।

प्रशांत किशोर ने कहा- बुआ के बच्चे साइन नहीं करेंगे, वंशावली कभी बनेगी ही नहीं 

प्रशांत ने पारिवारिक संपत्ति में बेटियों के अधिकार का जिक्र करते हुए कहा कि 20-30 साल से जिस जमीन का बंटवारा नहीं हुआ है, उसकी वंशावली अब बना रहे हैं। उसमें लड़कियों को हक नहीं दिया गया है। हो सकता है कि वो लड़की अब दुनिया में ना हो। बुआ चली गई तो अब आपको उनके लड़कों से बात करनी है। वो साइन ही नहीं करेगा। बेटियों को हमने कानूनी रूप से जमीन दिया ही नहीं। बेटियों ने मांगा भी नहीं। 40-50 साल में जमीन का भाव पांच रुपया से पांच करोड़ हो गया। बेटी है नहीं। अब दूसरी-तीसरी पीढ़ी साइन नहीं करेगी। वंशावली कभी बनेगी ही नहीं। सारे जमीन और विवाद में चले जाएंगे। 

Bihar Land Survey: जमीन सर्वे के लिए पंचायत या कोर्ट से वंशावली बनाना जरूरी है या नहीं? भारी कंफ्यूजन

उन्होंने कहा कि वो आवाज उठाएंगे लेकिन कुछ कर नहीं सकते। उन्होंने कहा कि इस समस्या का बिहार के समाज को सामना करना होगा। अगली सरकार को नए सिरे से 1918 की तरह का सर्वे करवाना होगा और मालिकाना हक तय करना होगा, तभी रास्ता निकलेगा। वंशावली बनाने से ये नहीं सुलझने वाला है। 

प्रशांत किशोर का आरोप- बिहार जमीन सर्वे में सीओ, डीसीएलआर सब पैसा ले रहा है

पीके ने कहा कि जमीन का सर्वे अफसरों के कमाने का तरीका हो गया। पूरा राजस्व विभाग सीओ और उसके एक-दो कर्मचारी और चार-पांच अटरनी के भरोसे है। इससे पहले डिजिटाइजेशन के नाम पर प्रयास हुआ लेकिन जमीन का आंकड़ा गलत हो गया। राजस्व विभाग की जो यहां व्यवस्था है उसमें रजिस्टर 2 का एक ही कॉपी है, सेकेंड रिकॉर्ड है ही नहीं। कर्मचारी आपके रजिस्टर 2 पर इंक गिरा देगा तो विवाद हो जाएगा। अटरनी फाड़ देगा तो विवाद हो जाएगा। 

Bihar Land Survey 2024 : कैसे हो रहा जमीन सर्वे, भूमि पर एक से ज्यादा दावे का यूं हो रहा निपटारा; समझें

प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में भूमि सुधार के लिए अंग्रेजों ने जो पहली बार मापी कराई थी, उससे शुरुआत करनी होगी, तब ये जमीन का मामला सुलझेगा। उन्होंने कहा कि ये कम से कम तीन से पांच साल का प्रयास होना चाहिए। चुनाव से पहले इसे खोलकर बखेड़ा खड़ा कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि लोग दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु से भागे आ रहे हैं। भ्रष्ट तंत्र में सीओ, डीसीएलआर सब पैसा ले रहा है। भाई का जमीन बहन पर, बहन का जमीन भाई पर चढ़ रहा है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें