Hindi Newsबिहार न्यूज़Prashant Kishor announces Jan Suraaj Party will lift liquor ban to fund new education policy if wins election

शराबबंदी जाएगी, नई शिक्षा नीति आएगी : जन सुराज पार्टी बनाकर बोले प्रशांत किशोर

  • जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर ने पटना में जन सुराज पार्टी के गठन और पहले नेता मनोज भारती के नाम के ऐलान के साथ ही घोषणा कर दी है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में जीतकर जन सुराज की सरकार बनेगी तो शराबबंदी को खत्म कर उससे होने वाली कमाई से नई शिक्षा नीति चलाई जाएगी।

Ritesh Verma हिन्दुस्तान टीम, पटना, हिन्दुस्तान ब्यूरोThu, 3 Oct 2024 02:07 PM
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जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा है कि उनकी जन सुराज पार्टी सरकार बनने के एक घंटे के अंदर शराबबंदी खत्म कर देगी। इससे जो राजस्व प्राप्त होगा, उसका पूरा उपयोग शिक्षा के क्षेत्र में होगा। मधुबनी के मनोज भारती को पार्टी का पहला नेता और कार्यकारी अध्यक्ष घोषित कर प्रशांत ने कहा कि जन सुराज पार्टी की सरकार नई शिक्षा नीति लेकर आएगी। नई शिक्षा नीति हर बच्चे के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी होगी। प्रशांत किशोर ने बुधवार को वेटनरी कालेज के मैदान में अपनी पार्टी की औपचारिक शुरुआत की जिसके लिए वो दो साल से पदयात्रा कर रहे थे।

प्रशांत ने कहा कि शराबबंदी से हर साल 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है जबकि इस पैसे से शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा काम किया जा सकता है। शिक्षा क्षेत्र में आमूल परिवर्तन के लिए पांच लाख करोड़ रुपए की जरूरत है। शराबबंदी खत्म होने से 20 वर्षों में 4 से 5 लाख करोड़ रुपए आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि पांच सूत्र से बिहार की सूरत बदल सकती है।

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युवाओं को रोजगार के अवसर मिलने चाहिए। बिहार से बैंक हर साल लाखों करोड़ ले जाते हैं, लेकिन यहां ऋण नहीं देते। बिहार के बैंकों में हर साल 4.61 लाख करोड़ जमा होता है, लेकिन बैंक यहां 1.61 लाख करोड़ का कर्ज ही बांटता है। शेष पैसे को अन्य राज्यों में ऋण के रूप में बांटता है। यदि यह राशि बिहार में बंटे तो युवाओं को रोजगार के लिए बड़ी पूंजी उपलब्ध हो सकती है।

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उन्होंने कहा कि बुजुर्गों को हर महीने दो-दो हजार रुपए पेंशन देने पर 6000 करोड़ खर्च होंगे। इस राशि का प्रबंध बिहार के ढाई लाख करोड़ के बजट से किया जा सकता है। महिलाओं को भी सहायता राशि दी जा सकती है। उन्हें चार फीसदी ब्याज देना होगा। शेष ब्याज सरकार उठाएगी। किसानों को खेती के लिए मनरेगा से मुफ्त मजदूरों की व्यवस्था की जा सकती है। मनरेगा से इस काम के लिए 10 हजार करोड़ की व्यवस्था सहजता से हो सकती है। सर्वे के स्थान पर भू-सुधार पर काम होना चाहिए।

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पीके के नाम से मशहूर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि मंदिर बन चुका, बिजली आ गई और सड़कें भी बन गईं। पर बच्चों के लिए क्या हुआ? रोजगार का क्या हुआ? अब आप इसको लेकर वोट करें। अब तक इस पर वोट नहीं दिया गया। उन्होंने यह भी दावा किया कि आने वाले समय में वे बिहार को राजनीति की धुरी बना देंगे। पूरे देश की नजर बिहार पर ही होगी।

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