जन सुराज पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बने मनोज भारती, प्रशांत किशोर का ऐलान- मार्च में नए अध्यक्ष का चुनाव होगा
- प्रशांत किशोर ने जन सुराज पार्टी के गठन और पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष मनोज भारती के नाम का ऐलान कर दिया है। पीके ने कहा कि नए अध्यक्ष का चुनाव मार्च तक होगा। मनोज भारती मधुबनी के रहने वाले हैं और दलित जाति से आते हैं। एक-दो दिन में पार्टी के नेतृत्व परिषद का गठन करके नाम का ऐलान हो जाएगा।
जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर ने जन सुराज पार्टी के गठन और पार्टी के पहले नेता मनोज भारती के नाम का ऐलान कर दिया है। प्रशांत किशोर ने पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में जन सुराज पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष मनोज भारती के नाम की घोषणा की जो मधुबनी के रहने वाले हैं और दलित जाति से आते हैं। एक्टिंग प्रेसिडेंट मनोज भारती भारतीय विदेश सेवा के रिटायर्ड अधिकारी हैं। प्रशांत किशोर ने कहा है कि अगले साल मार्च तक नए अध्यक्ष का चुनाव होगा। पहले से चर्चा थी कि प्रशांत किशोर किसी दलित को पार्टी का अध्यक्ष बना सकते हैं। मनोज भारती मधुबनी के रहने वाले हैं। जमुई से स्कूली शिक्षा और नेतरहाट के बाद मनोज आईआईटी से पढ़े हैं। आगे आईएफएस अधिकारी बने मनोज भारती कई देशों में राजदूत रह चुके हैं।
प्रशांत किशोर ने मनोज भारती के नाम का ऐलान करते हुए कहा कि जब उन्होंने कहा कि वो नेता नहीं बनेंगे तो लोगों ने कहा कि आपके जितना काबिल आदमी कैसे मिलेगा। प्रशांत ने कहा कि मनोज भारती हमसे ज्यादा काबिल हैं। प्रशांत किशोर आईआईटी नहीं गए, मनोज भारती गए हैं। प्रशांत किशोर आईएफएस नहीं बने, मनोज भारती आईएफएस रहे। पीके ने मीडिया से बातचीत में प्रमुख पार्टियों के प्रदेश अध्यक्षों का नाम लेकर कहा था कि जब उनके अध्यक्ष का नाम सामने आएगा तो सब चौंक जाएंगे। प्रशांत ने कहा था कि उनकी पार्टी के अध्यक्ष की बाकी अध्यक्षों से तुलना होगी तो सबको गर्व होगा।
प्रशांत किशोर के दल का नाम जन सुराज पार्टी और चुनाव चिह्न छड़ी, पेन, माइक या कुछ और?
प्रशांत किशोर ने पार्टी बनाने से पहले रविवार को मीडिया से लंबी बातचीत की थी और कहा था कि उनकी पार्टी 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में सारी 243 सीट लड़ेगी। उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी के संविधान में जनप्रतिनिधि वापसी के अधिकार (राइट टू रिकॉल) का प्रावधान होगा। जन सुराज पार्टी सिर्फ उस कैंडिडेट को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाएगी और टिकट देगी जो राइट टू रिकॉल पर अपनी सहमति का शपथ पत्र पर साइन करके हलफनामा देगा। प्रशांत ने कहा था कि उनकी पार्टी से जीते विधायकों के क्षेत्र में अगर जन सुराज के एक तिहाई संस्थापक सदस्य अविश्वास जाहिर करते हैं तो वहां वोटिंग कराई जाएगी और अगर संस्थापक सदस्यों का विश्वास मतदान में हासिल नहीं हुआ तो उसे इस्तीफा देना होगा।
जन सुराजी प्रशांत किशोर की पोटली से निकले राइट टू रिकॉल का ट्रैक रिकॉर्ड ना देश में अच्छा है, ना विदेश में
प्रशांत किशोर की जन सुराज पदयात्रा के दौरान कई पूर्व नौकरशाह उसने जुड़े हैं। दूसरे दलों में भी दरकिनार चल रहे कई नेता हाल के दिनों में जन सुराज में शामिल हुए हैं जिनमें देवेंद्र प्रसाद यादव, मोनाजिर हसन, पूर्णमासी राम, सीताराम यादव, विनीता विजय जैसे नाम शामिल हैं। चर्चा है कि चुनाव से पहले बिहार और दूसरे राज्यों में भी अहम पदों पर काम कर रहे कई आईएएस और आईपीएस अफसर रिटायरमेंट के बाद जन सुराज पार्टी में शामिल होकर चुनावी लड़ सकते हैं।