Hindi Newsबिहार न्यूज़Politics in bihar intensifies on Jharkhand ex CM Champai Soren revolt Jitan Ram Manjhi welcomes in NDA

चंपाई दा टाइगर हैं, NDA में स्वागत; झारखंड के सियासी उठापटक में जीतनराम मांझी ने लगाया तड़का

जीतनराम मांझी ने कहा है कि चंपाई दा पहले पहले भी टाइगर थे, आज भी हैं और आगे भी रहेंगे। उनका एनडीए में स्वागत है। दरअसल चंपाई सोरेन अपनी पार्टी झामुमो से नाराज हैं और पार्टी छोड़ने के संकेत दिए हैं। उनके साथ कई विधायक भी जा सकते है।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तानMon, 19 Aug 2024 03:53 AM
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बिहार और झारखंड भले ही एक दूसरे से अलग होकर स्वतंत्र राज्य बन गए लेकिन दोनों राज्य संस्कृति, राजनीति समेत सभी मामलों में एक दूसरे से अछूते नहीं हैं। यही कारण है कि झारखंड में चल रहे सियासी उठा पटक पर बिहार में भी राजनीति तेज हो गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने शिबू सोरेन और झामुमो से बगावत कर दिया है। उनके भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं । इस पर बिहार के पूर्व सीएम और नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्री जीतन राम मांझी का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने चंपाई सोरेन का एनडीए में स्वागत किया है।

सोशल मीडिया के जरिए जीतनराम मांझी ने चंपाई सोरेन का हौसला बढ़या है। अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर केंद्रीय मंत्री ने कुछ इस प्रकार अपनी भावना का इजहार किया है। जीतन राम मांझी लिखते हैं-

चंपाई दा आप टाईगर थें,टाईगर हैं और टाईगर ही रहेंगें।

NDA परिवार में आपका स्वागत है।

जोहार टाईगर…।

दरअसल झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह उच्च शिक्षा मंत्री चंपाई सोरेन ने झामुमो से बगावत कर दिया है। उनके भाजपा में जाने की चर्चा को रविवार शाम तब और बल मिल गया जब सोशल मीडिया एक्स पर उनका लंबा भावुक पोस्ट आया। उन्होंने कहा है कि पार्टी में उनका अपमान किया गया। अचानक वाया कोलकाता दिल्ली पहुंचे चंपाई के इस भावुक पोस्ट ने कई संकेत दे दिए। पोस्ट में सिलसिलेवार तमाम कारणों को रख पार्टी (झामुमो) से अलग राह चुनने के लिए खुद को मजबूर बताया। यहां तक कहा कि सीएम रहते उनके कार्यक्रमों को किसी अन्य व्यक्ति ने रद्द करवा दिया। लोकतंत्र में एक मुख्यमंत्री का इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता।

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वैकल्पिक राह तलाशने पर मजबूर हुआ

चंपाई ने लिखा, कई अपमानजनक घटनाओं का जिक्र फिलहाल नहीं करना चाहते। इतने अपमान व तिरस्कार के बाद वह वैकल्पिक राह तलाशने के लिए मजबूर हो गए हैं। चंपाई सोरेन के पोस्ट से साफ है कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के दौरान उन्होंने नाराजगी जतायी थी। वे उस वक्त बुलाए गए सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की बैठक में जाने को भी तैयार नहीं थे। बैठक में अपमानजनक परिस्थितियों का सामना करना पड़ा था।

कई विधायक भी जा सकते हैं

चंपाई सोरेन ने यह भी कहा है कि पार्टी के किसी सदस्य को शामिल करने या संगठन को क्षति पहुंचाने का उनका इरादा नहीं है। अंत में उन्होंने लिखा है कि हालात ऐसे बना दिए गए हैं कि कुछ करना पड़ा। अपने पूरे पोस्ट में उन्होंने किसी के नाम या पद पर सीधे तौर पर आक्षेप लगाने से परहेज किया है। सियासी गलियारे में चंपाई की बातों से यह तय माना जा रहा है कि वह अपनी अगली राजनीतिक पारी भाजपा से शुरू कर सकते हैं। नई दिल्ली में इससे संबंधित औपचारिकताएं जल्द पूरी की जाएंगी। यह भी कयास लगाये जा रहे हैं कि कुछ करीबी विधायक उनके साथ जा सकते हैं।

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